मोदी राज में देश पर 49 फ़ीसदी कर्ज बढ़ा
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में सरकार पर कर्ज में 49 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से अब यह कर्ज 49 फीसदी बढ़ कर 82,03,253 करोड़ हो चुका है. वहीं जून 2014 में यह करीब 54,90,763 करोड़ था.
इस तरह मोदी सरकार के साढ़े चार साल में सरकार पर 28 लाख करोड़ का कर्ज बढ़ चुका है.
दूसरी तरफ इस दौरान सार्वजनिक कर्ज में सरकारी कर्ज की हिस्सेदारी 51.7 फीसदी के इजाफे के साथ 48 लाख करोड़ से बढ़ कर 73 लाख करोड़ हो चुकी है. जबकि आंतरिक कर्ज 54 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज करते हुए 68 लाख करोड़ पहुंच चुका है.
इस सरकार के दौरान बाजार पर कर्ज के लिए निर्भरता भी पहले से 50 फीसदी की बढ़त के साथ 52 लाख करोड़ पहुंच चुकी है. पहले जहां गोल्ड बांड के जरिए बाजार से उठाया गया कर्ज नहीं के बराबर था वहीं अब यह करीब 9 हजार करोड़ पहुंच चुका है.
इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अब कर्ज गिरावट की ओर है और इसके लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं.
हालांकि इस सरकार के तमाम दावों के बावजूद पिछले सात महीनें में राजकोषीय घाटे में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है.