लक्ष्य से लगातार पीछे जीएसटी कलेक्शन, फिलहाल टैक्स दरों में कटौती की उम्मीद नहीं


GST collection in May below target, probably no tax cut in upcoming future

 

जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में काफी कमी देखी गई है. फिलहाल ताजा आंकड़ों के मुताबिक जीएसटी से प्राप्त राजस्व में कुछ बढ़त दर्ज की गई है, लेकिन ये निर्धारित लक्ष्य से अब भी कम है. इस महीने जीएसटी से करीब एक लाख करोड़ रुपये एकत्र हुए.

अगर पिछले साल इसी महीने से तुलना करें तो इस बार जीएसटी के संग्रहण में 6.7 फीसदी की वृद्धि हुई है. लेकिन जरूरी वृद्धि 14 फीसदी है, जिससे ये अब भी काफी पीछे है.

अगर केंद्र राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति से बचना चाहता है तो उसे प्रत्येक महीने 1.14 लाख करोड़ राजस्व की जरूरत है. इससे पीछे रहने के चलते केंद्र को लगातार राज्यों के राजस्व की पूर्ति करनी पड़ रही है.

राजस्व संग्रहण में धीमी रफ्तार की एक वजह टैक्स दरों में की गई कटौती भी बताई जा रही है. जीएसटी कानून के मुताबिक राज्यों के राजस्व में कमी होने की स्थिति में केंद्र को अपने हिस्से से उसे पूरा करना होता है. निर्धारित लक्ष्य से लगातार पीछे रहने के चलते केंद्र पर राज्यों की देयता बढ़ती रहेगी.

राजस्व में कमी के चलते जीएसटी काउंसिल पर टैक्स दरों में कटौती ना करने का दबाव रहेगा. मांग में कमी और घटते उत्पादन के चलते उद्योग जगत लगातार टैक्स दरों में कमी की मांग करता रहा है.

जीएसटी के अंतर्गत केंद्र और राज्य के अधिकरणों ने इसे लागू होने के बाद दो साल के समय को संक्रमण काल (ट्रांजीशन पीरिएड) के तौर पर रखा था. जो इस साल 30 जून को पूरा हो रहा है.

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस महीने कुल 1,00,289 करोड़ रुपये जीएसटी के अंतर्गत एकत्र हुए. इसमें केंद्र की ओर से 35,909 करोड़ और राज्यों की ओर से 38,900 करोड़ रुपये एकत्र किए गए.

इसमें सीजीएसटी 17,811 करोड़, एसजीएसटी 24,462 करोड़, आईजीएसटी 49,891 करोड़ रुपये और सेस के रूप में मिले 8,125 करोड़ रुपये शामिल हैं.

राज्यों के राजस्व में कमी के चलते केंद्र ने फरवरी-मार्च महीने के लिए 18,934 करोड़ रुपये हर्जाने के रूप में जारी किए हैं.


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