टैक्स विवादों से घिरे थे ‘कैफे कॉफी डे’ के लापता मालिक वीजी सिद्धार्थ


'I have failed as an entrepreneur', writes CCD owner VG Siddhartha, who went missing from 29 july

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देश के सबसे बड़े कॉफी शॉप ‘कैफे कॉफी डे’ के संस्थापक और मालिक वीजी सिद्धार्थ सोमवार 29 जुलाई से मंगलुरु से लापता हैं. उनका मोबाइल फोन सोमवार रात से ही बंद है. रिपोर्ट के अनुसार वह बिजनेस ट्रिप पर मंगलुरु गए थे. पुलिस ने उन्हें तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

सिद्धार्थ पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद हैं.

सिद्धार्थ ने पिछले महीने माइंडट्री कंपनी में अपना सारा हिस्सा एल एंड टी को बेच कर कंपनी छोड़ दी थी. माइंडट्री में उनकी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी थी. कंपनी में वे 21 फीसदी के शेयरधारक थे. उन्हें कर्नाटक राज्य में कॉफी उद्योग की स्थापना करने के लिए जाना जाता है. वे करीब 12 हजार एकड़ कॉफी फील्ड के मालिक हैं. वे पहले उद्यमी हैं जिन्होंने 1996 में कर्नाटक में पहला कैफे खोला था.

सीसीडी के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ से जुड़ी कुछ प्रमुख बातेंं

इस साल जनवरी में आयकर विभाग ने सिद्धार्थ और कैफे कॉफी डे इंटरप्राइज लिमिटेड के माइंडट्री कंपनी वाले शेयरों को टैक्स में हेरफेर के चलते अटैच कर दिया था. जनवरी 2019 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में माइंडट्री ने बताया था कि आयकर विभाग ने कंपनी को एक प्रोविजनल नोटिस जारी किया था. इसमें कंपनी के शेयरधारकों, कैफे कॉफी डे इंटरप्राइज लिमिटेड और वीजी सिद्धार्थ के खिलाफ आयकर की निषेधाज्ञा या प्रतिबंधात्मक आदेश अधिनियम, 1961 के तहत आईटी विभाग की कार्रवाई होने की बात थी.

दिसंबर 2018 के आखिरी में सिद्धार्थ माइंडट्री कंपनी में 54.69 लाख (3.3 फीसदी हिस्सेदारी) के शेयरधारक थे. जबकि सीसीडी का 1.74 करोड़ (10.63 फीसदी हिस्सेदारी) का शेयर था.

2015 में फोर्ब्स के सबसे अमीर लोगों की सूची में सिद्धार्थ की कुल संपत्ति 8,200 करोड़ रुपये की थी. सिद्धार्थ का जन्म कर्नाटक के चिक्कामगालुरु जिले में हुआ था. उनके माता-पिता कॉफी की खेतों के मालिक थे. उनका खानदान लगभग 140 सालों से कॉफी के उद्योग में लगा हुआ था.

सीसीडी ने वित्तीय वर्ष 2018 में कुल राजस्व 1,777 करोड़ का पंजीकृत करवाया था. और वित्तीय वर्ष 2019 में यह 1,814 करोड़ है. कंपनी का लक्ष्य है कि मार्च 2020 तक राजस्व वृद्धि 2,250 करोड़ का हो जाए.

मार्च 2019 तक देश भर में सीसीडी के 1,752 दुकान हैं. इनमें 60,000 कॉफी मशीन लगी हुई है. वैश्विक स्तर पर सीसीडी विएना, चेक गणराज्य, मलेशिया, नेपाल और मिस्र में मौजूद है.

वर्तमान में कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड ने देश भर में अपनी पहुंच बना ली है. यह लगभग 200 शहरों में फैली हुई है. यह कंपनी कॉफी के अलावा प्रौद्योगिकी पार्क एवं एसइजेड, लॉजिस्टिक, निवेश, वित्तीय सेवाएं और हॉस्पिटेलिटी के क्षेत्र में है.

सिद्धार्थ सालाना 28,000 टन कॉफी का निर्यात करते हैं. इसके साथ ही 2000 टन घरेलू बाजार में भी बेचते हैं, जो कुल मिलाकर सालाना 3.50 करोड़ टन हो जाता है.

उनकी कॉफी उगाने और व्यापार करने वाली कंपनी अमालगमेटेड बीन कंपनी (एबीसी) का सालाना टर्नओवर और 2,500 करोड़ रुपये का है.

उन्होंने एबीसी की स्थापना 1993 में की थी. तब कंपनी का टर्नओवर 6 करोड़ का था.

सिद्धार्थ की कंपनी देश भर से लगभग 30 हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराती है. उन्होंने माइंडट्री में अपनी हिस्सेदारी 3,000 करोड़ रुपये में बेची थी. सिद्धार्थ एशिया के सबसे बड़े कॉफी एस्टेट के भी मालिक हैं. सीसीडी के अलावा सिद्धार्थ ने सात-सितारा रिजॉर्ट सिरी और सिकाडा की भी स्थापना की.

58 वर्षीय सिद्धार्थ अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं. वर्ष 1996 में अगस्त में सीसीडी का पहला आउटलेट बैंगलुरु में खोला गया था.

इस साल मार्च में वीजी सिद्धार्थ ने अपनी 20.32 प्रतिशत हिस्सेदारी दो सहयोगी कंपनियों माइंडट्री, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) को 980 रुपये प्रति शेयर बेचने पर सहमति व्यक्त की थी.

रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के भुगतान में चूक से सिद्धार्थ को तरलता की कमी के कारण अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा था.


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