ICICI मामला: सीबीआई ने जांच अधिकारी के तबादले को जायज ठहराया
सीबीआई आईसीआईसीआई बैंक मामले में पिछले हफ्ते ली गई तलाशी के दौरान जब्त किए दस्तावेजों की जांच पड़ताल के बाद संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाएगी. इस मामले में निजी क्षेत्र की बैंक की सीईओ चंदा कोचर भी शामिल हैं. सीबीआई अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कुछ ही दिन पहले सीबीआई को जोखिम मोल लेने से बचने की सलाह दी थी.
अधिकारीयों ने बताया कि सीबीआई वीडियोकॉन ग्रुप चंदा कोचर के पति दीपक कोचर द्वारा संचालित नुपावर रिन्यूबल्स और सुप्रीम इनर्जी के कार्यालयों में तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच कर रही है.
अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला करना जांच अधिकारी (आईओ) का विशेषाधिकार है कि किन परिसरों में तलाशी ली जाए. दरअसल, अधिकारियों से यह पूछा गया कि प्राथमिकी (एफआईआर) में नामजद चंदा कोचर के आवास को 24 जनवरी को चलाए गए तलाशी अभियान में शामिल क्यों नहीं किया गया.
सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने 22 जनवरी को एफआईआर दर्ज होने बाद मामले के अधिकारी को बदल दिया और मामला पुलिस अधीक्षक मोहित गुप्ता को सौंप दिया गया. जबकि मामले में एफआईआर करने वाले सुधांशु धर मिश्रा का 23 जनवरी को तबादला कर दिया गया था.
सीबीआई ने तबादले के कदम को उचित ठहराते हुए शुरूआती जांच (पीई) बगैर किसी वजह के लंबित रखने को लेकर मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि तलाशी के बारे में सूचना लीक होने में उनकी भूमिका होने का संदेह है.
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में बैंक उद्योग के कुछ दिग्गज लोगों को भी नामजद किया है, जिनमें आईसीआईसीआई बैंक के मौजूदा सीईओ संदीप बख्शी भी शामिल हैं. उन पर आरोप है कि वे भी आवंटन समिति के सदस्य थे और उनकी भूमिका की जांच किए जाने की जरूरत है
यह आरोप है कि चंदा कोचर के कार्यकाल के दौरान 1,875 करोड़ रूपये के छह रिण वीडियोकॉन ग्रुप और उसकी सहायक कंपनियों को मंजूर किए गए थे. इनमें से दो मामलों में वह खुद आवंटन समितियों में शामिल थी.
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में बैंक उद्योग के कुछ दिग्गज लोगों को भी नामजद किया है, जिनमें आईसीआईसीआई बैंक के मौजूदा सीईओ संदीप बख्शी भी शामिल हैं. उन पर आरोप है कि वे भी आवंटन समिति के सदस्य थे और उनकी भूमिका की जांच किए जाने की जरूरत है.
फिलहाल, अमेरिका में इलाज करा रहे जेटली ने जांचकर्ताओं को सलाह दी कि वे महाभारत के अर्जुन की तरह सिर्फ निशाने (मछली की आंख) पर अपनी नजर रखें.
जेटली ने कहा, ‘‘हजारों किलोमीटर दूर बैठा मैं जब आईसीआईसीआई मामले में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो मेरे दिमाग में बार – बार यही विचार आता है कि मुख्य रूप से लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा पर जाने का रास्ता क्यों चुना जा रहा है ? यदि हम बैंकिंग उद्योग से हर किसी को सबूत या बगैर सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे, तो हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं या फिर वास्तव में नुकसान उठा रहे हैं.