भारत की टी-20 विश्व कप की मेजबानी खतरे में
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आईसीसी और बीसीसीआई एक और मुद्दे पर टकराव की स्थिति में आ रहे हैं. यह टकराव साल 2021 में भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप से जुड़ा है.
ख़बरों के अनुसार, आईसीसी ने बीसीसीआई को ये सलाह दी है कि वह अपनी सरकार से समय रहते ये आश्वासन ले कि भारत में साल 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप में पकिस्तान और उसके सहयोगी स्टाफ को आसानी से वीजा मिल जाए.
भारत ने आखिरी बार टी-20 विश्व कप की मेजबानी साल 2016 में की थी. हालांकि तब भी भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले मैच को धर्मशाला से कोलकाता के ईडेन गार्डन स्थानांतरित करना पड़ा था. लेकिन उस समय भारत और पाकिस्तान के संबंध सामान्य थे और पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा से संबंधित कोई परेशानी नहीं हुई थी.
पाकिस्तान की टीम आखिरी बार भारत में साल 2016 में ही आई थी.
बीसीसीआई के पास इस साल के 31 दिसम्बर तक पहले से ही एक समय सीमा थी. उसे इस तारीख तक आईसीसी को संबंधित टैक्स छूट के बारे में बता देना था.
सूत्रों के अनुसार, आईसीसी ने वीजा जारी करने के लिए बीसीसीआई से समय रहते आश्वासन मांगा है. अगर सरकार यह आश्वासन देने में विफल रही तो आईसीसी के पास विश्व कप को स्थानांतरित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा .
आईसीसी ने ये भी बताया कि सामान्य स्थितियों में इस तरह का आश्वासन एक साल पहले ही दे दिया जाता है.
पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध अभूतपूर्व स्तर पर तनावपूर्ण हो गए हैं.
वैसे देखा जाए तो आईसीसी ने बीसीसीआई से यह आश्वासन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की तरफ से पड़े दबाव के चलते मांगा है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मणि ने बीसीसीआई द्वारा आतंक को पनाह देने वाले देशों को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से लिखे पत्र की कमजोरियों की ओर इशारा करते हुए आईसीसी पर यह दबाव डाला.
जाहिर है कि इसी के बाद आईसीसी के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने बीसीसीआई के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी देश से क्रिकेट संबंधों को तोड़ना आईसीसी के नियमों के दायरे में नही आता है. इस तरह के निर्णय देशों को अपने स्तर पर लेना चाहिए.