वैश्विक शांति सूचकांक में भारत पांच स्थान फिसला
इस साल का वैश्विक शांति सूचकांक जारी हो चुका है. ‘ग्लोबल पीस इंडेक्स 2019’ के नाम से जारी इस सूचकांक में भारत पांच पायदान फिसल गया है. कुल 163 देशों की सूची में भारत को 141वां स्थान मिला है.
पिछली बार की तरह आइसलैंड को एक बार फिर से दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश घोषित किया गया है. जबकि अफगानिस्तान का नाम इस सूची में सबसे नीचे है.
आइसलैंड साल 2008 से ही पहले स्थान पर बरकरार है. इसके बाद न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और डेनमार्क का नाम आता है.
शांतिपूर्ण देशों की सूची के अंतिम पायदान पर परिवर्तन हुआ है. यहां सीरिया की जगह अफगानिस्तान ने ले ली है. सीरिया नीचे से दूसरे स्थान पर है. सबसे कम शांति वाले देशों में दक्षिण सूडान, यमन और ईराक अन्य देश हैं.
अगर दक्षिण एशिया की बात करें तो यहां भूटान पहले नंबर पर है, वैश्विक सूची में ये 15वें स्थान पर है. जबकि श्रीलंका यहां दूसरे और विश्व में 72वें स्थान पर है.
भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में बांग्लादेश और नेपाल भारत से ऊपर हैं. जबकि पाकिस्तान 153वीं वैश्विक रैंक के साथ भारत से नीचे है.
रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया हर पैमाने पर विश्व के बाकी हिस्सों से औसतन कम शांतिपूर्ण है. जबकि बीते साल छह में सिर्फ चार मामलों में ऐसा था.
आंतरिक संघर्ष को लेकर भारत और पाकिस्तान दोनों बराबरी पर हैं. पर्यावरणीय खतरों के मामले में चीन, बांग्लादेश और भारत इस सूची के निचले स्तर पर हैं. ये देश जलवायु के खतरे के प्रति काफी संवेदनशील बताए गए हैं.
क्या है वैश्विक शांति सूचकांक और कौन जारी करता है?
वैश्विक शांति सूचकांक या जीपीआई दुनिया के सबसे विश्वसनीय शांति सूचकांकों में से एक है. इसे अर्थशास्त्र और शांति के लिए संस्थान (आईईपी) जारी करता है.
इस रिपोर्ट में सबसे व्यापक स्तर पर सूचना का विश्लेषण किया जाता है. इसमें विश्व की 99.7 फीसदी जनसंख्या को शामिल किया गया है. जिसके विश्लेषण के लिए गुणात्मक और मात्रात्मक संकेतकों का प्रयोग किया जाता है.
इसमें किसी देश का सामाजिक स्तर, बचाव और सुरक्षा को पूरे विश्व में चल रहे संघर्षों से तुलनात्मक रूप में प्रस्तुत किया जाता है.