भारतीय क्रिकेट संघ को बीसीसीआई से मान्यता मिली
पूर्व भारतीय खिलाड़ियों के हितों की देखभाल के लिए बनाई गए भारतीय क्रिकेट संघ को औपचारिक तौर पर बीसीसीई ने मान्यता दे दी है. बीसीसीआई के नए कानून के अंतर्गत भारतीय क्रिकेट संघ को मान्यता मिली है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढा समिति के आदेश पर भारतीय क्रिकेट संघ के बनने के फैसले लिया गया है, जिसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
हालांकि,दूसरे देशों की तरह भारतीय क्रिकेट संघ को ‘फेडरेसन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर एसोसियेसन’ की तरफ से मान्यता नहीं मिली है.
भारतीय क्रिकेट संघ के प्रशासकों का कहना है कि यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे बीसीसीआई ने कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 8 के तहत मान्यता दी है.
इस संघ का कामकाज बीसीसीआई के संचालन से पूरे तरीके से स्वतंत्र होगा और फंडिग (वित्त पोषण) भी खुद ही जुटानी होगी. हालांकि शुरुआत में बोर्ड कुछ आर्थिक करेगा.
पूर्व क्रिकेटर कपिल देव, अजीत आगरकर और शान्ता रंगास्वामी आईसीए के निदेशकों के तौर पर शामिल किए गए हैं. वे अगले चुनाव तक पद पर रहेंगे.
पिछले कुछ सालों में कई बार कोशिश की गई थी कि राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेटरों का एक संघ गठित किया जाए, लेकिन हर बार अलग कारणों से संघ को गठित नहीं किया जा सका था.
अब जबकि भारतीय क्रिकेट संघ को हरी झंडी मिली है तो मुमकिन है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे पूर्व क्रिकेटरों को इससे मदद मिलेगी. संघ की कोशिश होगी कि पूरे देश में क्रिकेट को बढ़ावा दिया जा सके.
क्रिकेट के सभी फार्मेट से सन्यास लेने वाले खिलाड़ी इस संघ की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं.
सदस्यता पाने के लिए कुछ मापदंड भी रखे गए हैं जैसे कि-
देश के पूर्व पुरुष और महिला क्रिकेटर कम से कम सीनियर लेवल पर एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हों.
पुरुष और महिला क्रिकेटर जो कम से कम सीनियर लेवल पर पांच प्रथम श्रेणी मैच खेले हुए हों.
दिव्यांग क्रिकेटर जो कोई भी प्रथम श्रेणी के मैच खेले हों.
जो क्रिकेटर सिर्फ प्रथम श्रेणी और टी-20 के मैच खेले हों, वो भी सदस्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं.