भारत की आर्थिक विकास दर उम्मीद से काफी कमजोर: IMF
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 12 सितंबर को कहा कि कॉरपोरेट और पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से ‘काफी कमजोर’ है.
आईएमएफ प्रवक्ता गेरी राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है.’
असल में अप्रैल से जून की तिमाही में भारत की विकास दर पिछले सात सालों में सबसे कम 5 फीसदी रही है, जो कि पिछले साल की इसी तिमाही में 8 फीसदी थी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने साल 2019-2020 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को 0.3 फीसदी कम कर दिया है. इसकी वजह घरेलू मांग में कमी बताई है. आईएमएफ की रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2021 के लिए विकास दर 7.5 फीसदी आंकी गई थी लेकिन अब यह 7.2 फीसदी तक बताई जा रही है.
भारत सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग और कृषि के क्षेत्र में गिरावट के चलते आर्थिक विकास दर में गिरावट आई है. साल 2012-2013 में भी भारत की विकास दर 4.9 फीसदी थी.