एशियाई विकास बैंक ने घटाई भारत की अनुमानित जीडीपी दर
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने साल 2019-20 के लिए भारत की अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है. भारत में निवेश की रफ़्तार लगातार धीमे होना इसका कारण है. पिछले वर्ष दिसंबर में एडीबी ने भारत की जीडीपी 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.
हालांकि एडीबी का अनुमान है कि इसके बावजूद एशियाई देशों में साल 2019 में भारत का आर्थिक विकास सबसे अच्छा रहेगा. एडीबी का अनुमान है कि 2019 के लिए चीन की जीडीपी दर 6.3 फीसदी रहेगी.
भारत के आर्थिक विकास के घटने के अनुमान के बाद सबकी निगाह आरबीआई और आईएमएफ पर है. इससे पहले दोनों संस्थाओं ने जीडीपी दर 7.4 फीसदी और 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
अगले हफ्ते आईएमएफ विश्व आर्थिक आउटलुक पेश करेगा, जिसमें भारत के विकास दर का अनुमान भी लगाया जाएगा. बुधवार 3 मार्च को एडीबी ने अपना सालाना एशियाई विकास आउटलुक जारी किया था.
एडीबी ने कहा, “निवेश बढ़ने का अनुमान है. हालांकि, इसकी रफ्तार धीमी रहेगी. सार्वजनिक निवेश में धन की कमी की वजह से मामूली वृद्धि होने की संभावना है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों और खाद्यान्न की खरीद कीमतों में बढ़ोत्तरी के फैसलों की वजह से ग्रामीण आय और उपभोग बढ़ेगा. साथ ही शहरों में ब्याज दर और खाद्यान्न और ईंधन के दामों में कटौती की वजह से उपभोग बढ़ेगा.”
एडीबी ने कहा है कि 2019-20 के छमाही में आरबीआई के अनुसार मुद्रास्फीति के नीचे रहने का अनुमान है. इससे नीतिगत दर में और कटौती हो सकती है.एडीबी ने यह बात रिजर्व बैंक द्वारा अपनी पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति घोषित करने से एक दिन पहले कही.
एडीबी ने उम्मीद जताई है कि भारत की मुद्रास्फीति दर 2018-19 के 3.5 फीसदी से बढ़कर 2019-20 में 4.3 फीसदी रह सकती है. किसानों को दी जाने वाली खरीद कीमतों में वृद्धि, कृषि श्रमिकों को अधिक मजदूरी और उर्वरक की कीमतों में वृद्धि की वजह से खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी आती है.
एडीबी ने यह भी चेतावनी दी है कि उनके अनुमान में और गिरावट हो सकती है.