लद्दाख के करगिल में इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं
लद्दाख के करगिल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं. अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद करगिल में 145 दिन से इंटरनेट सेवा निलंबित थी.
उन्होंने बताया कि बीते चार महीनों में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी और हालात पूरी तरह से सामान्य हो चुके हैं. इसे देखते हुए सेवाएं बहाल की गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय धार्मिक नेताओं ने लोगों से अपील की है कि वे इस सुविधा का गलत फायदा ना उठाएं. हलांकि, करगिल में ब्रॉडबैंड सुविधा पहले से चल रही थी.
करगिल में इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का फैसला तब आया है, जब तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने 7,000 फौजी टुकड़ियों का आदेश दिया था. पांच अगस्त के बाद से घाटी में अब तक सर्वाधिक सैनिकों की तैनाती की गई है. कानून और व्यवस्था को आधार बनाकर प्रशासन ने सेल्युलर, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं निलंबित कर दी थीं.
पिछले महीने राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि आम मत के विपरीत जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हैं और सही समय आने पर वहां पर इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.
इस बीच मुख्यधारा के बहुत से नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री काले लोक सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद हैं. हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पीएसए के तहत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अबदुल्ला की हिरासत अवधि तीन महीने के लिए और बढ़ा दी है.
विपक्ष द्वारा फारूक अबदुल्ला को रिहा करने की मांग को लेकर अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं को केंद्र सरकार के दखल के बगैर वहां का प्रशासन रिहा करेगा. पूर्व मुख्मंत्री महबूबा मुफ्ती और ओमर अबदुल्ला भी पांच अगस्त के बाद हिरासत में बने हुए हैं.