बीजेपी के डर से साथ आई शिवसेना: कांग्रेस
पिछले कुछ समय के तनावपूर्ण संबंधों के बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल बीजेपी और शिवसेना ने आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ लड़ेने की घोषणा कर दी है.
दोनों पार्टियां अपने इस गठबंधन को लेकर जहां आश्वसत दिख रही हैं. वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने ईडी का डर दिखाकर शिवसेना को अपने साथ चुनावी गठबंधन करने के लिए मनाया है.
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, “पहले बिहार, फिर महाराष्ट्र और अब तमिलनाडु, एक के बाद एक भाजपा गठबंधन बनाने में लगी है.”
उन्होंने कहा, ”सबसे बड़ा महासवाल है कि ये महामिलावट है या महाभय?”
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 25 पर और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियां इस साल प्रस्तावित 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बराबर बराबर सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जनभावना यह है कि दोनों दलों को एकसाथ आना चाहिए.
शाह ने कहा बीजेपी और शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र में 48 में से कम से कम 45 लोकसभा सीटें जीतेगा.
उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के करोड़ों कार्यकर्ता चाहते हैं कि दोनों दलों के बीच गठबंधन हो. शिवसेना बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी है.
ठाकरे ने कहा कि राम मंदिर बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन की साझी डोर है. उन्होंने कहा कि इसे जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिए.
फडणवीस ने कहा कि बीजेपी शिवसेना राष्ट्रीय विचारधारा वाली पार्टियां हैं जो वृहद लोकहित में एक साथ आए हैं. सैद्धांतिक रूप से दोनों दल हिन्दुत्ववादी हैं.
गठबंधन पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की पहली और एकमात्र पसंद होगी.’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी और बाल ठाकरे के विचारों से प्रेरित होकर, बीजेपी-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य एकबार फिर ऐसे जनप्रतिनिधि चुने जो विकासोन्मुखी, भ्रष्टाचार मुक्त और भारतीय संस्कृति पर गर्व करने वाले हों.’’