जम्मू कश्मीर: क्षेत्रीय पार्टियों का मुख्य चुनावी मुद्दा है ‘विशेष राज्य’
लोकसभा चुनाव में भले ही राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दे हों, लेकिन जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा ही मुख्य चुनावी मुद्दा है. क्षेत्रीय पार्टियां इसको सबसे ज्यादा महत्व दे रही हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली नई पार्टी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस अपनी चुनावी रैलियों में संविधान के अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 की रक्षा पर चर्चा कर रहे हैं.
सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है.
क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान की भी आलोचना कर रही हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 35 ए को 2020 तक निरस्त कर दिया जाएगा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘देश के संविधान में जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे की रक्षा करना हमारे चुनाव प्रचार का मुख्य आधार है.’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस तथ्य को खारिज कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ छह लोकसभा सीट हैं. और अगर संसद में कानून लाकर विशेष अनुच्छेदों को खत्म किया जाता है तो उसका विरोध करने के लिए यह संख्या बेहद कम है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह गिनती वाला तर्क नहीं है. यह तथ्य पर आधारित तर्क है. हां, हमारे पास सिर्फ छह सीटें हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में अगर छोटी सी भी चीज होती है तो वह अंतरराष्ट्रीय खबर बनती है, वहीं बड़े राज्यों की बड़ी खबरें भी दब जाती हैं. इसलिए मेरा मानना है कि दूसरे राज्यों के 60 सांसद से ज्यादा जम्मू-कश्मीर के छह सांसद कर सकते हैं.’’
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्य के विशेष दर्जे के मुद्दे को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है. वह राज्य की अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की अपेक्षा इसे लेकर ज्यादा मुखर हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राज्य और देश का संबंध हमारे विशेष संवैधानिक स्थिति के आधार पर है जो इस संबंध को वैधता प्रदान करता है. अगर हम इसे हटाते हैं तो फिर इस संबंध को वैधता कौन प्रदान करेगा, यह कब्जा या फिर उपनिवेश में बदल जाएगा.’’
बीजेपी के खाते से गठबंधन सरकार में मंत्री रहे सज्जाद लोन ने राज्य के विशेष दर्जे की रक्षा करने की शपथ ली है.
लोन ने कहा, ‘‘ अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए विश्वास और सम्मान का मामला है जिसके जरिए भारतीय संविधान राज्य की विशेष पहचान की रक्षा सुनिश्चित करता है. गर्व और पहचान के मामले में लाभ और हानि कोई मायने नहीं रखता. क्या एक देश किसी अन्य देश को उसकी अखंडता और राष्ट्रीय गर्व को कुछ हासिल करने के आधार पर नीचा दिखाने की अनुमति दे सकता है.’’
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा, ‘‘ दुनिया की कोई ताकत अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को नहीं हटा सकती.’’