जम्मू कश्मीर: अनंतनाग एनकाउंटर में मेजर शहीद, तीन जवान घायल
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना का एक मेजर शहीद हो गया है. इस दौरान एक आतंकवादी मारा गया. मुठभेड़ में एक अन्य अधिकारी और दो जवान घायल हो गए.
अधिकारिक जानकारी के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के अचबल में हुई इस मुठभेड़ में मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए जबकि इसी रैंक के एक अन्य अधिकारी और दो जवान घायल हो गए.
अधिकारियों ने बताया कि घायलों को श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी भी मारा गया है और उसका शव बरामद कर लिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला बारूद भी बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि मारे गये आतंकवादी की पहचान की जा रही है.
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार की सुबह अचबल इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था. आतंकवादियों ने बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.
इसके अलावा एक अन्य घटना में करीब एक दर्जन जवान घायल हो गए. ये घटना पुलवामा में हुई, जहां आईईडी विस्फोट के जरिए सेना के काफिले को निशाना बनाया गया.
अभी तक इन दोनों हमलों की किसी भी आतंकवादी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है. ये हमले ऐसे मौके पर हुए हैं जब अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. ये यात्रा अगली एक जुलाई से शुरू होने वाली है.
इस साल फरवरी में पुलवामा में हुई आतंकवादी घटना के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. इसके बाद सुरक्षा बलों ने घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया था. इस दौरान आतंकवादियों की पनाहगाह माने जाने वाले दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया था.
पुलवामा की घटना के बाद सैन्य काफिलों के आवागमन के लिए मौजूद प्रोटोकॉल में परिवर्तन किए गए थे. इसके बावजूद ये हमला हुआ.
इस पर बात करते हुए एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने बताया, “44 राष्ट्रीय राइफल्स अपने कैंप में आने के लिए लगातार इस रास्ते का इस्तेमाल कर रही थी. शायद इस वजह से उन पर हमला करना आसान हुआ.”
इस साल अब तक कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से सुरक्षा बलों ने करीब 113 आतंकवादियों को मार गिराया है. पुलवामा हमले के बाद से अब तक 85 आतंकवादी मारे जा चुके हैं, इस दौरान 26 सुरक्षा बलों को भी अपनी जान गवानी पड़ी है.