मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कथित साजिश की जांच करेंगे एके पटनायक
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप में कथित साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एके पटनायक करेंगे. जस्टिस अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की बेंच ने यह आदेश दिया है.
बेंच ने आदेश दिया है कि सीबीआई, दिल्ली पुलिस और आईबी इस जांच में जस्टिस पटनायक की सहायता करेंगे.
इसके साथ ही बेंच ने एडवोकेट उत्सव बैंस की तरफ से किए गए विशेषाधिकार के दावे को भी खारिज कर दिया है और आदेश दिया है कि वे मामले से जुड़ी सारी जानकारी जांच पैनल के सामने पेश करें.
एडवोकेट उत्सव बैंस ने हलफनामा दाखिल करते हुए दावा किया था कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप बड़ी साजिश का हिस्सा है.
वहीं बेंच ने सीबीआई, दिल्ली पुलिस और आईबी के प्रमुखों को आदेश दिया है कि वे ऐसी सामग्री को अपने कब्जे में कर लें जो उत्सव बैंस के हलफनामे का समर्थन करती हो.
इससे पहले जस्टिस अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की यह बेंच 22 अप्रैल को गठित की गई थी.
इसका काम 20 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को स्वत: संज्ञान में लेकर की गई सुनवाई को जारी रखना था.
वहीं 20 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना की बेंच ने यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई शुरू की थी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले को लोकहित और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ बताया था.
इधर जस्टिस एनवी रमन्ना ने खुद को मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच के लिए बनाए गए जांच पैनल से हटा लिया है.
असल में पीड़िता ने आपत्ति दर्ज कराई थी कि जस्टिस एनवी रमन्ना के मुख्य न्यायाधीश से बहुत अच्छे संबंध हैं, इसलिए वे मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएंगे. इसी पृष्ठभूमि को देखते हुए जस्टिस एनवी रमन्ना ने खुद को जांच पैनल से अलग कर लिया.