लेबनान में जारी सरकार विरोधी आंदोलन के बीच छात्र भी सड़कों पर उतरे
लेबनान में अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शन के चौथे सप्ताह में प्रवेश करने के साथ ही बेहतर भविष्य की मांग को लेकर हजारों छात्र भी सड़कों पर उतर आए.
छात्र लेबानानी झंडे लहराते हुए बेरूत में शिक्षा मंत्रालय के सामने पहुंच गए. उन्होंने देश की भ्रष्ट और अक्षम कही जा रही राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद की.
प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ”मैं किसी भी नेता या अधिकारी को चुनौती देता हूं कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजें.”
उसने कहा, ”अर्थव्यवस्था संकट में है, कोई काम-धंधा नहीं है, हम भविष्य में किस प्रकार जीवित रहेंगे?”
बेरूत ही नहीं, देश के अन्य शहरों में भी छात्र सड़कों पर आ गए. इससे 17 अक्टूबर से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शन को एक नई ताकत मिली है.
देश में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शन के चलते प्रधानमंत्री साद हरीरी ने पिछले महीने के अंत में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इससे भी आंदोलन नहीं थमा. प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि अन्य मंत्री भी इस्तीफा दें जिससे कि एक योग्य कैबिनेट बने जो लेबनान की पारंपरिक संप्रदाय व्यवस्था से ना जुड़ी हो.
प्रदर्शन में सभी उम्र और संप्रदायों के लोग हर रोज एकत्र होते हैं. वे भ्रष्टाचार के खात्मे और बेहतर भविष्य और सत्तारूढ़ बड़े लोगों को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं.
लेबनान में सरकार संप्रदाय साझेदारी पर आधारित होती है जहां राष्ट्रपति ईसाई, प्रधानमंत्री सुन्नी मुस्लिम, प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष शिया मुस्लिम और उप-प्रधानमंत्री यूनानी परंपरावादी धर्म का होता है.