बीते 18 महीनों में 100 से अधिक ऑटोमोबाइल शोरूम बंद हुए


Auto sales fall 21% in May facing worst decline in of 18 year

 

ऑटोमोबाइल क्षेत्र की समस्याएं फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वित्तीय कंपनियों ने ऑटोमोबाइल डीलरों को कर्ज देने के मामले में सख्ती करने का फैसला लिया है. ऐसा बीते दो वित्तीय वर्षों में डिफॉल्टरों की संख्या बढ़ने के चलते किया गया है. ये क्षेत्र फिलहाल मांग में कमी से उभरता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नगदी की समस्या की वजह से सरकारी और निजी बैंक ऑटोमोबाइल डीलरों को कर्ज देने में और अधिक सावधानी बरत रहे हैं. ये डीलर पहले से ही वाहन बिक्री में जोरदार गिरावट की समस्या से जूझ रहे हैं.

इस क्षेत्र में बैड लोन्स के बढ़ने की समस्या भी बैंकों को सावधानी बरतने के लिए मजबूर कर रही है. मिंट एक बैंकर के हवाले से लिखता है, “बाकी की तुलना में कुछ उत्पादकों के लिए समस्या और भी गंभीर हो गई है. हम अलग-अलग मामलों के आधार पर पुनरीक्षण कर रहे हैं.”

क्रेडिट की ये समस्या ऐसे मौके पर सामने आई है जब गैर-वित्तीय कंपनियां धन की कमी के चलते कर्ज देना रोक चुकी हैं.

इस समय बैंक उत्पादकों से लेटर-ऑफ कंफर्ट लेना बंद कर चुकी हैं. इससे पहले ये लोन लेने के लिए इस्तेमाल किए जाते रहे हैं. डीलर इस तरह से लिए गए बैंक लोन का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल निर्माताओं से उनका स्टॉक खरीदने में कर रहे थे.

ऐसे समय में जब एनबीएफसी डीलरों को कर्ज नहीं दे रही हैं, डीलरों के पास धन की कमी से ऑटो-सेल्स का पूरा घरेलू बाजार प्रभावित होगा.

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बीते दो साल के दौरान बिगड़ी बैलेंस शीट के चलते देश के बहुत सारे शोरूम बंद हो चुके हैं. इनमें खासकर उत्तर और पश्चिमी भारत के राज्य ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

रिटेल व्यापार से जुड़े एक जानकार ने बताया, “डीलर पर अकसर निर्माता अधिक निवेश के लिए दबाव डालते हैं. इसके चलते डीलर अपनी क्षमता से अधिक उधार लेते हैं.”

ऑटोमोबाइल डीलरों के लिए क्रेडिट नियम कठोर करने के चलते पिछली अप्रैल से पहले के 18 महीनों में 100 से अधिक डीलरशिप बंद हो चुकी हैं. ऑटोमोबाइल बाजार पूरे बैंकिंग सिस्टम में नगदी से प्रभावित होता है. इस समय पूरा बैंकिंग सिस्टम ही नगदी की समस्या से जूझ रहा है.

ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन फेडरेशन के आंकड़ों के मुताबिक बीते डेढ़ साल के दौरान ग्रेटर मुंबई एरिया में ही 64 डीलरशिप बंद हो चुकी हैं. इनमें से 61 यात्री वाहन से संबंधित थी. इसमें 34 के शोरूम मुंबई में थे जबकि 24 पुणे में थे.

इसी दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब 42 डीलरों ने अपना काम बंद कर दिया. ये भी यात्री वाहनों से जुड़े हुए थे.

पिछले 18 महीनों में जिन कंपनियों की डीलरशिप बंद हुई हैं, उनमें हुंडई, मारुति सुजूकी, हॉन्डा और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.


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