उज्ज्वला योजना के तहत लिए गए अधिकतर सिलेंडर नहीं हो रहे रीफिल


lpg connections under Pradhan Mantri Ujjwala Yojana has not been matched by an increase in LPG sales

 

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी ग्राहकों की संख्या में जोरदार इजाफा हुआ है. लेकिन इस अनुपात में गैस की बिक्री में बढ़ोतरी नहीं हुई है. इसका सीधा सा मतलब है कि कनेक्शन की संख्या की तुलना में गैस रीफिल कम हो रहा है.

अगर इस योजना के अंतर्गत लिए कनेक्शन की बात करें तो प्रति एक हजार उपभोक्ताओं पर हर महीने सिर्फ 100 सिलेंडर ही दोबारा भरे जाते हैं. जबकि आम उपभोक्ताओं में प्रति एक हजार पर इनकी संख्या 400 है. ये अध्ययन जलवायु और ऊर्जा से जुड़ी शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया है.

उज्ज्वला योजना मोदी सरकार की ओर से मई 2016 में शुरू की गई थी. इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ ईंधन के तौर पर की गई थी. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाती है. इसमें गैस स्टोव और सिलिंडर पर सब्सिडी और छूट शामिल हैं.

इस योजना के शुरुआती तीन सालों में करीब सात करोड़ लाभार्थियों को इसका फायदा मिल चुका है. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य ठोस ईंधन से छुटकारा पाना था. ये सांस संबंधी बीमारियों की वजह बनते हैं.

टेलीग्राफ, इस शोध टीम की सदस्य शोनाली पचौरी के हवाले से लिखता है कि एलपीजी गैस कनेक्शन बढ़ाने में इस योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पचौरी कहती हैं, “उज्ज्वला योजना ने एलपीजी कनेक्शन में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है, लेकिन ये प्रदूषणकारी ईंधन से मुक्ति दिलाने में असफल रही है.”

इस योजना के तहत लिए गए कनेक्शन और आम कनेक्शन के बीच रीफिल रेट में अंतर को इनकी कम खपत का कारण माना जा रहा है.

ये अध्ययन कर्नाटक के कुछ जिलों में हुआ है. कोप्पल जिले में दिसबंर 2018 में ये योजना शुरू की गई. इन 18 महीनों के दौरान सिलिंडर की बिक्री आम कनेक्शन के मुकाबले छह गुना अधिक रही. लेकिन रीफिल दर में काफी अंतर देखा गया.

उज्ज्वला योजना के तहत लिए गए कनेक्शन में से लगभग 35 फीसदी उपभोक्ताओं ने पहले साल में कोई रीफिल नहीं खरीदा. इन उपभोक्ताओं में से सिर्फ सात फीसदी ऐसे थे, जिन्होंने चार या इससे अधिक सिलेंडर रीफिल कराए.

ऊर्जा नीति से जुड़े शोधकर्ता अभिषेक जैन कहते हैं, उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं के बीच दोबारा गैस ना भरवाने की प्रमुख वजह उनकी इसे वहन ना कर पाने की क्षमता है.


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