न्यूनतम साझा कार्यक्रम के केन्द्र में रहेंगे किसानों के मुद्दे : पवार
महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले तैयार किया गया न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) किसानों और बेरोजगारी से निपटने के उपायों पर केंद्रित है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार प्रेस कांन्फ्रेंस में किसानों के मुद्दों पर केन्द्रीत रहे. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने राज्यपाल से किसानों के मुद्दे पर बातचीत के लिए कल तक का समय मांगा है.
पवार ने कहा, ‘अतिवृष्टि के कारण संतरे को बहुत नुकसान हुआ है. संतरा किसानों से मैंने खुद निजी तौर पर चर्चा की है. 60 से 70 फीसदी तक उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. संतरा उत्पादक बहुत बड़े संकट से गुजर रहे हैं. महाराष्ट्र में किसानों की हालत दयनीय है और जो बची हुई फसल है उनमें भी घुन लगने की आशंका है.’
महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए संभावित गठबंधन पर फैसला करने से पहले कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने 14 नवंबर को मुंबई में मुलाकात कर न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर विचार विमर्श किया था.
कांग्रेस के एक नेता नेबताया कि तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने सीएमपी का मसौदा तैयार किया है. अब इसे तीनों दलों के शीर्ष नेता मंजूरी और अंतिम रूप देंगे.
उन्होंने कहा कि सीएमपी का मसौदा किसानों के समक्ष पेश आ रही समस्याओं के समाधान और बेरोजगारी से निपटने पर केंद्रित है. यदि किसी मुद्दे को शामिल करने या हटाने का कोई सुझाव आता है तो तीनों दलों की एक और बैठक की जाएगी.
एनसीपी नेता शरद पवार 17 नवंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं. तब सरकार गठन पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है.
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा कि सीएमपी के मसौदे पर अंतिम फैसला सोनिया गांधी लेंगी जिसके बाद आगे के कदम के बारे में विचार किया जाएगा.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में निश्चित रूप से गठबंधन की ओर से शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा.
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है.