पौधों और जानवरों की 10 लाख प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर: संयुक्त राष्ट्र
NASA
संयुक्त राष्ट्र ने एक आकलन में कहा है कि जानवरों एवं पौधों की 10 लाख प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हैं. इनमें से कई प्रजातियों पर कुछ दशकों में ही विलुप्त हो जाने का खतरा मंडरा रहा है.
आकलन में कहा गया है कि मनुष्य उसी प्रकृति को नष्ट कर रहा है जिस पर उसका अस्तित्व निर्भर है और इसी का खामियाजा ये प्रजातियां भुगत रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र के 400 से अधिक विशेषज्ञों के एक दल ने ‘समरी फॉर पॉलिसीमेकर्स’ में बताया कि पृथ्वी की करीब 80 लाख प्रजातियां बड़ी तेजी से खत्म हो रही हैं. ये प्रजातियां पिछले एक करोड़ वर्षों की तुलना में हजारों गुना तेजी से विलुप्त हो रही हैं.
फिलहाल अभी कुछ समय तक मनुष्यों पर विलुप्ति का खतरा नहीं है. प्रोफेसर जोसेफ सेटल कहते हैं, “फिलहाल मानव विलुप्ति का खतरा नहीं है, लेकिन लंबे समय के लिए ऐसा कहना कठिन होगा. अगर मनुष्य विलुप्त होना है तो प्रकृति अपना रास्ता खोज लेगी, ये हमेशा होता है.”
विशेषज्ञ कहते हैं कि इन गंभीर रुझानों को रोकना या बदलना आसान नहीं होगा. इसके लिए बड़े परिवर्तनों की जरूरत होगी. जो हम पैदा करते हैं और खाते हैं उसका जीर्णोद्धार करना होगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, “हम अपनी बुनियादी चीजों जैसे अर्थव्यवस्था, आजीविका, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि पर चोट कर रहे हैं. ये पूरी दुनिया में हो रहा है.”
इस रिपोर्ट में धरती के बढ़ते तापमान को लेकर चिंता जताई गई है और इसे जैव-विविधता के लिए खतरा बताया गया है.