राम मंदिरः न्यायिक प्रक्रिया के बाद ही अध्यादेश पर होगा विचार


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि न्यायिक प्रक्रिया के पूरा होने से पहले राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर विचार नहीं किया जाएगा. मोदी ने ये बात समाचार एजेंसी एनआई से बात करते हुए कही.

मोदी ने इस दौरान कांग्रेस पर न्यायिक प्रक्रिया में अवरोध पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वकील इस मामले में बाधा डाल रहे हैं. मोदी ने कहा, “हमने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में भारतीय संविधान के तहत इस मामले के हल की बात कही है.”

बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि वो अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करना चाहती है. हाल के दिनों में बीजेपी, आरएसएस और इसकी अनुषंगी संस्थाओं में राम मंदिर निर्माण में तेजी लाने को लेकर चर्चा हुई है.

संघ परिवार ने मंदिर निर्माण में देरी को लेकर नाखुशी जाहिर की है. संघ की मांग है कि इसके लिए अध्यादेश लाया जाए. यहां तक कि सरकार की सहयोगी पार्टी शिव सेना ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है.

इस संबंध में सवाल किए जाने पर मोदी ने कहा, “न्यायिक प्रक्रिया को पूरा होने दीजिए. इसके बाद सरकार में होने के नाते हम अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे. हम हर प्रयास करने के लिए तैयार हैं.”

राम मंदिर मामले में अगली सुनवाई आगामी चार जनवरी को होनी निर्धारित है.


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