नरेन्द्र मोदी बहुमत का इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने में करें: इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हाल ही में हुए चुनाव में मिली बड़ी बहुमत का इस्तेमाल दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने और क्षेत्र में शांति के लिए करना चाहिए.
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि दोनों देशों को शांति कायम करने और मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बातचीत से कश्मीर मुद्दे का हल भी निकाला जा सकता है.
इमरान खान और नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के लिए किर्गिज गणराज्य की राजधानी बिश्केक में हैं.
पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते खराब हुए हैं. हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे. चुनाव जीतने के बाद इमरान खान ने नरेन्द्र मोदी को ट्वीट कर जीत की बधाई दी थी.
इमरान खान ने कहा, “हमारा पूरा जोर शांति पर है, बातचीत से मतभेदों को खत्म किया जा सकता है. कश्मीर मतभेद की बड़ी वजह है. अगर दोनों देशों के नेता और दोनों देश की सरकारें चाहें तो इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं.
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं.
उन्होंने कहा कि वास्तव में हमने चुनाव से पहले कोशिश की थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी अपने लोगों के बीच पाकिस्तान विरोधी भावनाओं को हवा देने और दक्षिणपंथी हिन्दू राष्ट्रवादियों को पक्ष में लाने के लिए अपील कर रही थी, इसलिए चुनाव से पहले शांति की कोई गुंजाइश नहीं बची थी.
इमरान खान ने कहा कि पड़ोसियों के साथ तनाव की स्थिति होने पर संसाधनों की बर्बादी होती है.
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में किया जाना चाहिए. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही जिसने अपने लाखों लोगों को गरीबी के भंवर जाल से बाहर निकाला है.
खान ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं. लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है.’’
पाकिस्तान रूस के साथ पिछले कुछ बरसों से संयुक्त सैन्य अभ्यास करता आ रहा है.
उन्होंने करतारपुर कोरिडोर का जिक्र करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के लोगों के बीच मेलजोल को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि लोगों के बीच का संपर्क तभी हो सकता है जब सरकारें एक-दूसरे के करीब आने की कोशिश करें.