नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, सदन में धार्मिक नारेबाजी को स्वीकार नहीं करेंगे


om birla said to be nda Nominee For Lok Sabha Speaker’s Post

 

लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा है कि वे सदन में धार्मिक नारे लगाने की इजाजत नहीं देंगे. और ना ही उस तरह के व्यवधान की इजाजत देंगे जिसका प्रदर्शन सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों ने विपक्षी नेताओं की शपथ के समय किया. बीते मंगलवार को शपथ के दौरान कुछ सदस्यों ने नारेबाजी की थी.

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में बिड़ला ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने सत्तापक्ष की ओर विपक्षी नेताओं पर की गई टिप्पणियों को दरकिनार कर सही काम किया.

जिन विपक्षी नेताओं की शपथ के समय सत्तापक्ष की ओर से नारे बाजी की गई उनमें यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, एआईएमआईएम नेता ओवैसी और कुछ टीएमसी के सांसद शामिल हैं. इस दौरान कई बार टीएमसी सांसदों ने पीछे से आ रही आवाजों का जवाब अपनी जवाबी नारेबाजी से दिया.

लोकसभा अध्यक्ष ने अपने साक्षात्कार में कहा, “मुझे नहीं लगता कि संसद नारेबाजी करने, तख्तियां दिखाने, या वेल में एकत्र होने की जगह है. इसके लिए रोड़ है, जहां वे जाकर नारेबाजी या प्रदर्शन कर सकते हैं. लोग यहां जो भी कहना चाहते हैं, जो भी आरोप लगाना चाहते हैं, यहां तक कि वे सरकार पर हमलावर हो सकते हैं. लेकिन वे गैलरी में आकर ये सब नहीं कर सकते.”

जब लोकसभा अध्यक्ष से पूछा गया कि क्या वे ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि इस तरह का व्यवहार फिर से ना हो. इसके जवाब में उन्होंने कहा वह नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि ये फिर से होगा, लेकिन हम सदन को नियमों के अंतर्गत चलाएंगे.”

साथ ही उन्होंने कहा, “जय श्रीराम, जय भारत, वंदे मातरम पुराने मुद्दे हैं. ये एक अलग बहस का मुद्दा है, हर बार हालात अलग होते हैं, इसका फैसला अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति करता है.”

इससे पहले सदन में कांग्रेस के नए नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष के स्वागत भाषण में नारेबाजी के इस घटनाक्रम का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, “मैं इसे बहुदलीय लोकतंत्र की भावना के तहत नहीं देखता.”

चौधरी की टिप्पणी का जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “इस पर मेरा मत एकदम साफ है. संसद लोकतंत्र का मंदिर है. ये मंदिर हमेशा संसदीय नियमों के मुताबिक चलता है.”

उन्होंने कहा, “मैंने सभी पार्टियों से आग्रह किया है कि हम जितना कर सकें हमें इस सदन की गरिमा का ख्याल रखना है. हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं और सबकी निगाहें हम पर हैं. इसी तरह हमारी संसदीय प्रणाली को भी पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए.”

बिड़ला राजस्थान के कोटा से दो बार सांसद चुने जा चुके हैं. बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए गठबंधन की ओर से उम्मीदवार के रूप में उनका चयन थोड़ा हैरान करने वाला था. उधर विपक्ष ने भी उनके विरोध में कोई प्रत्याशी नहीं उतारा जिसके चलते उनका चयन निर्विरोध हो गया.

बिड़ला ने कहा, “सभी पार्टियों ने मुझमें भरोसा दिखाया है, इसलिए ये मेरा कर्तव्य है कि मैं उनके भरोसे को बरकरार रखूं.”

उन्होंने कहा, “सबको अभिव्यक्ति का अधिकार है, सरकार को जब से इतना बड़ा बहुमत मिला है उसकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. उनको सभी सवालों का जवाब देना चाहिए. मैंने देखा है, जब भी सरकार से मांग की जाती है वो बहस करने के लिए तैयार रहती है.”

जब उनसे पूछा गया कि वे सभी पक्षों के अभद्र व्यवहार के प्रति कड़ा रुख अपनाएंगे. तो उन्होंने जवाब दिया कि वे सख्त रवैया नहीं अपनाना चाहते, उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं हम सब अपने हिसाब से बोलें लेकिन नियमों का ख्याल रखें.”


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