श्रीलंका: ईस्टर हमलों के बाद मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने के विरोध में नौ मुस्लिम मंत्रियों का इस्तीफा
ट्विटर
श्रीलंकाई सरकार में नौ मुस्लिम मंत्रियों और अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले दो प्रांतीय गवर्नरों ने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में चार कैबिनेट स्तर के मंत्री भी शामिल हैं. इन मंत्रियों का ये इस्तीफा ईस्टर हमले के बाद मुसलमानों पर लग रहे आरोपों के विरोध में आया है.
इन शीर्ष मंत्रियों में से कुछ पर उस इस्लामिक चरमपंथी समूह से संबंध रखने के आरोप लगे हैं जिसे ईस्टर पर हुए घातक आत्मघाती हमलों का जिम्मेदार माना गया. बताया जा रहा है कि इन इस्तीफों के बाद जांच कार्य के लिए भी पर्याप्त मौका मिल सकेगा.
सरकार के इन मुस्लिम राजनीतिकों ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की कथित विफलता को लेकर भी विरोध प्रदर्शित किया. द्वीप की 2.1 करोड़ आबादी में मुस्लिमों की संख्या नौ फीसदी है.
श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस पार्टी के नेता राउफ हकीम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “उन्हें हम में से जिसे अपराध के लिए जिम्मेदार पाएं गिरफ्तार करना चाहिए, या आरोप सिद्ध करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि वे अगले एक महीने में इस मामले में कुछ प्रगति करेंगे.”
उन्होंने कहा, “बेकसूर मुसलमानों से अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है, इसके बावजूद कि पूरा समुदाय इस आतंकी हमले जैसे घिनौने कृत्य का विरोध कर रही है.”
इससे पहले एक बौद्ध भिक्षु की भूख हड़ताल के बाद पूर्वी और पश्चिमी प्रांत के दो मुस्लिम गवर्नरों ने भी इस्तीफा दे दिया था. बौद्ध भिक्षु का कहना था कि एमएलएएम हिजबुल्लाह और आजाथ सैली का ईस्टर हमलों से संबंध है, इस वजह से इन्हें इस्तीफा देकर जांच का सामना करना चाहिए.
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने इनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं.
इस साल 21 अप्रैल को हुए हमलों के बाद सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे कुछ मुस्लिम राजनीतिकों को बढ़ते मुस्लिम आतंकवाद को उनके कथित समर्थन के कारण आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था. ईस्टर के मौके पर हुए इन हमलों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री रिशथ बाथिउथीन पर भी आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामिक समूह नेशनल तौहीद जमात को समर्थन देने का आरोप लगा. इसी समूह ने ये हमले किए थे .
श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में 19 मुस्लिम हैं और उनमें से नौ के पास कैबिनेट, राज्य एवं उपमंत्री के पद हैं.
इससे पहले बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के महंतों समेत हजारों लोगों ने कैंडी तीर्थ नगरी में मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे की मांग कर रहे बौद्ध भिक्षु के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया था.
मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे की मांग कर रहे बौद्ध भिक्षु काफी विवादित रहे हैं. उनपर मुस्लिम विरोधी भावना फैलाने के आरोप लगे थे. वे हाल ही में राष्ट्रपति की माफी के चलते जेल से आजाद हुए हैं.
खबरों के मुताबिक जिन मुस्लिम गवर्नरों ने इस्तीफा दिया है वे पहले भिक्षु की रहाई के लिए राष्ट्रपति से आग्रह कर चुके हैं.
इन मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे के कुछ समय बाद ही श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया.
उन्होंने कहा, “घृणा का विरोध घृणा से नहीं होना चाहिए. अहिंसा ही हिंसा के विरोध का एकमात्र तरीका है. यही एक जीवंत नियम है, और हमारे मुस्लिम मंत्रियों ने बुद्ध की इस पवित्र शिक्षा का प्रदर्शन किया है, जबकि आरोप लगाने वालों ने उनके नाम पर घृणा फैलाई है. ये हमारे देश के लिए शर्मनाक दिन है.”