‘पीएम किसान’ योजना का विस्तार, अब करीब आठ लाख बड़े किसानों को भी मिलेगा इसका लाभ
प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत आठ लाख से ज्यादा बड़े किसानों को फायदा पहुंचेगा. बीते शुक्रवार को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस योजना को मंजूरी मिल गई. इस योजना के तहत देश भर में 10 हेक्टेयर (लगभग 25 एकड़) जमीन के मालिक किसानों को फायदा पहुंचेगा.
देश भर में ऐसे किसानों की संख्या यूं तो 0.6 फीसदी है, लेकिन, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, और गुजरात जैसे राज्यों में इनकी संख्या ज्यादा है. राज्यवार आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक, पंजाब में कुल किसानों में से 5.3 फीसदी बड़े किसान हैं. इसी तरह राजस्थान में 4.7 फीसदी और हरियाणा में 2.5 फीसदी बड़े किसान हैं.
बाकी राज्यों में यह संख्या एक फीसदी से कम है. ऐसा साल-दर-साल जमीनों के बिकने की वजह से हुआ है.
जमीन की उत्पादकता, सिंचाई की सुविधा और मिट्टी की उर्वरता की बात करें तो राजस्थान की तुलना पंजाब से नहीं की जा सकती है. लेकिन देश के 8.3 लाख बड़े किसानों में से 3.6 लाख (43 फीसदी) किसान सिर्फ राजस्थान में हैं.
93 फीसदी बड़े किसान सिर्फ देश के 12 राज्यों में हैं, इनमें राजस्थान भी शामिल है. 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जिसमें गोवा, सिक्किम और दिल्ली शामिल है, बड़े किसानों की संख्या नगण्य है. केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा इनमें ज्यादातर उत्तर-पूर्वी राज्य शामिल हैं. नागालैंड और अरुणाचल प्रदेशों में बड़ी जमीनें हैं, लेकिन वे सब ज्यादातर कम्युनिटी लैंड हैं.
बाकि राज्यों में से तेलंगाना में 9 हजार बड़े किसान हैं. असम और ओड़िशा में 4-4 हजार बड़े किसान हैं. बिहार और हिमाचल प्रदेश में 3-3 हजार बड़े किसान हैं. इसके अलावा उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर में 1-1 हजार बड़े किसान हैं.
प्रधानमंत्री किसान योजना को लागू करने के लिए आधार डेटा कृषि जनगणना 2015-16 के आधार पर ली गई है. यह योजना फरवरी में शुरू की गई थी.
बीते शुक्रवार को हुए बैठक में 2 हेक्टेयर जमीन की सीमा को हटा दिया गया है. इससे देश के 14.5 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा. इस योजना के तहत हर किसान को सालाना तीन हिस्सों में छह हजार रुपए सरकार की तरफ से मिलेगा. हालांकि जिन किसानों के पास अपनी जमीन नहीं है और जो बटाई पर किसानी करते हैं, उन्हें इस योजना से कोई लाभ नहीं मिलेगा.
इस योजना के तहत जारी दिशा-निर्देश में पूर्व और वर्तमान के सांसद, विधायक, मेयर, जिला के अध्यक्ष या किसी भी अन्य संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के किसान परिवारों के जमीनदारों को निकाल दिया है.
इस योजना का लाभ उन किसान परिवारों को भी नहीं मिलेगा जिनके घर में एक या एक से अधिक सदस्य सरकारी नौकरी कर रहे हैं या सेवानिवृत हो गए हैं. 10 हजार या अधिक रुपए की पेंशन पाने वालों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा. आयकर भरने वालों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा. डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टेड अकाउंटेंट और वास्तुकारों को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है.
31 मई तक लगभग 3 करोड़ किसानों को पहली किश्त के रूप में दो हजार रुपए मिल चुके हैं. इन किसानों के पास दो हेक्टेयर जमीन है. इसके साथ ही 2 करोड़ किसानों को दूसरी किश्त की रकम भी मिल चुकी है.
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से इस काम में थोड़ी सुस्ती आ गई थी. इस दौरान हमने सिर्फ उन्हीं किसानों को पैसे दिए जिनके नाम राज्य सरकारों ने 10 मार्च तक भेज दिया था. हम अब अपने काम में तेजी लाएंगे और सभी किसानों को इसमें शामिल करेंगे.”