पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी ने फर्जीवाड़ा करके निकाले 25 हजार करोड़ रुपये
पंजाब नेशनल बैंक के फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि कैसे बिना पकड़ में आए हीरा कारोबारी नीरव मोदी लंबे समय से धोखाधड़ी कर रहा था.
फरवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक ने बेल्जियम स्थित ऑडिटर संस्था बीडीओ को मामले की जांच करने को कहा था. बैंक ने यह कदम सीबीआई में नीरव मोदी के खिलाफ शिकायत करने के बाद उठाया गया था.
जून 2018 तक की जानकारी के अनुसार 28,000 करोड़ की कुल 1,561 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) नीरव मोदी के समूह को पंजाब नेशनल बैंक की ओर से दिया गया था.
ऑडिटर के अनुसार 1,561 में से 1,381 एलओयू जो कुल 25,000 करोड़ के लिए था, उसे धोखे से जारी किया गया था. जांच में यह भी पता चला है कि 23 में से 21 निर्यातकर्ताओं के नाम जारी किया एलओयू नीरव मोदी के नियंत्रण में था.
193 एलओयू जिसका मूल्य 6,000 करोड़ रुपये था, उसका इस्तेमाल गलत तरीके से बैंक को भुगतान करने के लिए गया था.
बीडीओ की 329 पेज की फॉरेंसिक रिपोर्ट को एक व्हिसिलब्लोअर ने इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) को सौंपा.
आईसीआईजे ने अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के साथ पार्टनरशिप की है जो फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार लेख छापेगी.
धोखाधड़ी का पैमाना समझने के लिए बीडीओ ने सीबीआई और ईडी से भी आगे बढ़कर मामले की व्यापक जांच की है.
पिछली रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ने पीएनबी से 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी.