PNB ने भूषण पॉवर एंड स्टील पर 3,800 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया


Demonetisation: Three PNB officials jailed for four years for illegal transactions

 

पंजाब नेशनल बैंक ने भूषण पॉवर एंड स्टील में 3,800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया है. इस कंपनी को दिया गया कर्ज पहले ही एनपीए की श्रेणी में आ चुका है, और कंपनी दिवाला कार्रवाई का सामना कर रही है. पीएनबी ने इस बारे में आरबीआई को रिपोर्ट दी है.

पीएनबी ने कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड ने बैंक कर्ज में धोखाधड़ी की और बैंकों के समूह से कोष जुटाने को लेकर अपने बही-खतों में गड़बड़ की.

बैंक ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, “फोरेंसिक आडिट जांच और स्वत: संज्ञान लेकर कंपनी तथा उसके निदेशकों के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर बैंक ने आरबीआई को 3,805.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी है.”

पीएनबी ने कहा, “कंपनी ने बैंक कोष का गबन किया और बैंकों के समूह से कोष जुटाने को लेकर अपने बही-खतों में गड़बड़ की. फिलहाल मामला एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) में काफी आगे बढ़ चुका है और बैंक अच्छी वसूली की उम्मीद कर रहा है.”

इससे पहले, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पीएनबी के साथ भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी की. यह मामला फरवरी 2018 में सामने आया.

मोदी ने विदेशों में अन्य भारतीय बैंकों से कर्ज लेने को लेकर पीएनबी शाखाओं से गलत तरीके से गारंटी ऋणपत्र प्राप्त किए. इसकी सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय अैर अन्य एजेंसियां जांच कर रही हैं.

भूषण स्टील एंड पावर कंपनी के मालिक पहले ही कई तरह की जांच का सामना कर रहे हैं. कंपनी काफी पहले से शक के दायरे में थी. क्योंकि उसके निवेश अधि मूल्यांकित किए गए थे. सिंघल बंधु संजय और नीरज ने कुछ साल पहले ही अपना व्यापार बांट लिया था.

अभी पिछले हफ्ते ही गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने दिल्ली की एक अदालत में भूषण स्टील के प्रमोटर्स के खिलाफ 70,000 पेज की धोखाधड़ी संबंधी शिकायत पत्र दाखिल किया था. इसमें स्टॉक में परिवर्तन और धन का गलत तरीके से डायवर्जन संबंधी शिकायतें शामिल थीं.

हालांकि भूषण स्टील का टाटा ने अधिग्रहण कर लिया. टाटा ने ये अधिग्रहण दिवाला समाधान मार्ग से किया है. लेकिन ये कंपनी अभी भी दिवालिया जांच का सामना कर रही है. कंपनी 12 बड़े एनपीए के तहत चिह्नित की गई है.


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