पुलिस ने कार्यकर्ता से कहा- ‘हिंदू हो फिर मुसलमानों से दोस्ती क्यों है?’
‘तुम एक हिंदू हो, तुम्हारी दोस्ती मुसलमानों के साथ क्यों है?’ ये सवाल सामाजिक कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा से कथित तौर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूछा. पुलिस ने उन्हें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया था.
पिछले सप्ताह उन्हें जमानत मिल गई थी. 14 जनवरी को रिहा होने के बाद रॉबिन ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू को अपनी कहानी बताई. रॉबिन वर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें शारीरिक यातनाएं दीं और उनकी पत्नी और बच्ची को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी.
रॉबिन वर्मा ने कहा कि पुलिस ने उनसे उनका मोबाइल ले लिया और उसकी खोजबीन की. खोजबीन के बाद फोन में मुसलमानों के नंबर होने की वजह से उनकी बेइज्जती भी की.
उन्होंने बताया कि उनके जन्मदिन पर उनके एक मुस्लिम छात्र ने उन्हें बधाई दी थी. पुलिस ने वो संदेश व्हाट्सएप पर देखा और कहा, ‘तुम उसे क्यों जानते हो? तुम्हारे फोन में मुसलमानों के नाम क्यों हैं? वो तुम्हारे दोस्त क्यों हैं? तुम उनके साथ क्यों जाते हो?’
रॉबिन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी पत्नी और दो साल की बच्ची के बारे में ओछी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी पत्नी के बारे में कहा, ‘बैठा देंगे कहीं, धंधे में लगा देंगे.’
रॉबिन ने आरोप लगाया कि यही बात पुलिस ने उनकी बच्ची के बारे में कही.