जी-20 सम्मेलन की मसौदा विज्ञप्ति में ‘मुक्त व्यापार को बढ़ावा’ देने की बात


India's export continue to shrink for continuous fifth month

 

आगामी जी-20 सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के बीच ‘मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने’ के प्रयासों पर बातचीत होने की संभावना है. जापान के असाही समाचार पत्र के मुताबिक दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाएं सुस्त पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति देने के लक्ष्य के तहत मुक्त व्यापार समझौतों पर चर्चा करेंगी.

असाही लिखता है कि मसौदा विज्ञप्ति में जी-20 देशों ने एक ऐसा सकारात्मक चक्र बनाए जाने पर जोर दिया है, जिसमें अर्थव्यवस्थाओं के बीच ठोस वृद्धि का वितरण बड़े पैमाने पर हो.

जापान के ओसाका में होने वाली ये दो दिवसीय बैठक अमेरिका-चीन के बीच चल रही तीखी ट्रेड वार के साये में होने जा रही है. दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव के चलते पूरी दुनिया के बाजार सहमे हुए हैं.

इसका असर इस बार के सम्मेलन पर अभी से देखा जा रहा है. ट्रंप प्रशासन के दबाव के चलते जी-20 ने अपनी मसौदा विज्ञप्ति से ‘संरक्षणवाद का विरोध करने की जरूरत’ वाक्यांश को हटा दिया है. बीते साल ब्यूनस आयर्स में हुए सम्मेलन में ये वाक्य शामिल रहा था.

इसी महीने की शुरुआत में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों के बीच हुई बैठक में इस विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान इसमें ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं किया गया जिसमें संरक्षणवाद की निंदा की जा रही हो.

असाही समचार पत्र के मुताबिक कुछ यूरोपीय देश इस बात की मांग कर रहे हैं कि आगामी जी-20 सम्मेलन की इस विज्ञप्ति में संरक्षणवाद की नीतियों का विरोध होना चाहिए.

पत्र कहता है कि इस बैठक की अध्यक्षता करने जा रहा जापान समझौता करता हुआ नजर आ रहा है. इस मसौदा विज्ञप्ति में मुक्त व्यापार के समर्थन में एक वाक्यांश सम्मिलित किया गया है.

फिलहाल दुनिया भर के बाजारों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या शी जिनपिंग और डोनल्ड ट्रंप के बीच ट्रेड वार को नरम करने से संबंधित कोई सकारात्मक बातचीत होगी या नहीं.


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