नियमों में बदलाव से निजता को खतरा: आईटी कंपनियां


 

मोजिला सहित कई वैश्विक इंटरनेट कंपनियों ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों के लिये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में प्रस्तावित बदलाव को वापस लेने का सरकार से अनुरोध किया है. इन कंपनियों ने सुझाया है कि सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाली सामग्रियों पर रोक लगाने के तरीकों पर नए सिरे से सार्वजनिक परामर्श की जरूरत है.

इन संगठनों में विकिमीडिया फाउंडेशन और गिटहब भी शामिल हैं.

संगठनों ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को खुली चिट्ठी लिखकर आईटी नियमों में हालिया बदलाव को लेकर गहरी चिंताएं जाहिर की हैं. इनका कहना है कि मौजूदा बदलाव पर अमल करने से ऑनलाइन मंचों को सामग्रियां सेंसर करनी पड़ेगी.

कंपनियों ने कहा है कि प्रस्तावित बदलाव इंटरनेट को खुला मंच बनाने के बजाय स्वाचालित सेंसरशिप और उपयोक्ताओं पर नजर रखने वाला माध्यम बनाने की दिशा में उठाया गया अप्रत्याशित कदम है.

उन्होंने कहा, ‘‘अभी के प्रारूप के अनुसार ये नियम भारतीय उपयोक्ताओं को अन्य देशों के उपयोक्ताओं, डेवलपरों और संगठनों की तुलना में काफी नुकसान पहुंचाएंगे क्योंकि वे कई साइटों और सामग्रियों से वंचित हो जाएंगे.’’

उल्लेखनीय है कि सरकार ने आईटी नियमों को संशोधित करने की योजना का हाल ही में खुलासा किया था. इसके तहत सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप को ऐसी व्यवस्था करनी होगी जो गैरकानूनी सामग्रियों की पहचान करे और समुचित कार्रवाई करे.

कुछ विशेषज्ञों ने पहले भी इस तरह की आशंका जताई थी कि इससे गैरकानूनी सामग्रियों पर रोक लगने के साथ ही निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में खलल पहुंचेगा.

सरकार ने प्रस्तावित प्रारूप पर 31 जनवरी तक लोगों से टिप्पणियां मंगायी थी.


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