राफेल डील : केन्द्र ने दिया 14 पन्नों में बेगुनाही का सबूत


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केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को राफेल विमान की खरीद से संबंधित दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में जमा किया है. सोमवार को केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फ्रांस से 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद में 2013 की ‘रक्षा खरीद प्रक्रिया’ का पूरी तरह पालन किया गया और ‘बेहतर शर्तों’ पर बातचीत की गयी थी. केन्द्र सरकार ने कहा कि मई 2015 से अप्रैल 2016 के बीच भारतीय वार्ता दल (आईएनटी) की 74 बैठकें हुई. इनमें 26 बैठक फ्रांसीसी पक्ष के साथ हुई.

आईएनटी की अध्यक्षता वायुसेना के उप प्रमुख (डीसीएएस) कर रहे थे और इसमें संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक (एयर), संयुक्त सचिव (रक्षा ऑफसेट प्रबंधन शाखा), संयुक्त सचिव और अतिरिक्त वित्तीय सलाहकार, वित्त प्रबंधक (एयर), सलाहकार (लागत) और सहायक वायुसेना प्रमुख (योजना) भारत सरकार की तरफ से सदस्य के तौर पर शामिल थे. वहीं फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व महानिदेशक आयुध (डीजीए), फ्रांस सरकार का रक्षा मंत्रालय कर रहे थे.

केन्द्र की ओर से 14 पन्नों के हलफनामें में कहा गया है कि सौदे से पहले मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने भी मंजूरी दी थी और विमान खरीद में रक्षा खरीद प्रक्रिया-2013 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया है. मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने 24 अगस्त 2016 को समझौते की मंजूरी दी थी.

कांग्रेस ने कहा था कि राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार के जवाब से साबित हो गया कि सौदे को अंतिम रूप देने से पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मंजूरी नहीं ली गई.


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