राफेल विमानों को कहां रखेगी मोदी सरकार?
राफेल सौदे को लेकर देश में राजनीतिक माहौल अभी गर्म है. हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि देश को पहला राफेल विमान सितंबर तक मिल जाएगा और स्वयं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में इस बात को दोहरा चुकी हैं. लेकिन अपने इस दावे के प्रति रक्षा मंत्रालय खुद इतना गंभीर है, इसका पता इस बात से चलता है कि राफेल रखने के लिए आवश्यक हैंगरों का निर्माण कार्य अब भी अटका पड़ा है.
दि हिन्दू की खबर के मुताबिक, हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरफोर्स स्टेशन में राफेल रखने के लिए हैंगर का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन हैंगर बनाने वाले मिलिटरी इंजिनियर्स सर्विसेज बिल्डर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएस बीएआई) को अब तक 2,000 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया है. इस चलते निर्माण कार्य की गति सुस्त हो गई है.
अखबार ने असोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण महाना के हवाले से लिखा है कि पिछले सात-आठ महीनों से हैंगर के निर्माण का कार्य सुस्त हो गया है. अब तक केवल 40 फीसदी निर्माण कार्य ही हो पाया है और यह पिछले दो-तीन महीनों से पूरी तरह रुका हुआ है. महाना ने ये तक कह दिया कि उन्हें हैगर का कार्य कर्जा लेकर पूरा करना पड़ रहा है और अब उन्हें बैंक भी कर्ज देने से मना कर रहे हैं.
मिलिटरी इंजिनियर्स सर्विसेज बिल्डर्स असोसिएशन की देश में कुल 73 शाखाएं हैं. इनमें 10 हजार से ज्यादा कॉन्ट्रैक्टर काम करते हैं. यह मुख्य रूप से हेलीपैड, विमानों को रखने के लिए हैंगर और ऐसे ही अहम निर्माण कार्य करता है. महाना ने यह भी कहा कि आज तक इन निर्माण कार्यों के लिए भुगतान में कभी कोई दिक्कत नहीं होती थी, लेकिन नवंबर 2017 से शुरू हुई यह समस्या अब काफी गंभीर हो गई है.
असोसिएशन के अन्य सदस्य बताते हैं कि दिसंबर 2016 तक 1,600 करोड़ रुपए बकाया था. हालांकि उन्होंने बकाया भुगतान के मुद्दे को रक्षा मंत्रालय और प्राधानमंत्री कार्यालय के स्तर तक उठाया, लेकिन इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ. इस तरह बकाया भुगतान की राशि बढ़ते-बढ़ते अब 2,000 करोड़ तक जा पहुंची है और अब हैंगरों का निर्माण कार्य पूरी तरह रुक गया है.
असोसिएशन के सदस्य ये भी बताते हैं कि उन्होंने भुगतान का बकाये का मुद्दा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने भी उठाया था, लेकिन उनसे मुलाक़ात के बाद भी केवल 250 करोड़ रुपए ही जारी किए गए. इस बकाया राशि में से भी बड़ा हिस्सा दूसरी परियोजनाओं में खर्च हो गया.
महाना ने स्पष्ट किया है कि अगर बकाया भुगतान अगले 15 दिन के अन्दर नहीं हुआ तो वे पूरे देश में निर्माण कार्यों को रोक देंगे और संसद के सामने धरना देंगे.