रेलवे बोर्ड का कम मांग वाली ट्रेनें बंद करने सहित कई सुझाव
2019-20 वित्त वर्ष में अब तक बजट से अधिक खर्च और कमाई में तेजी नहीं आने के चलते रेलवे बोर्ड ने प्रायोजकों के जरिए ट्रेनों और स्टेशन को साफ कराने सहित कई सुझाव दिए हैं.
17 जोनल यूनिट को 6 सितंबर को लिखे पत्र में कहा है कि “खर्चे घटाने और कमाई बढ़ाने के उद्देश्य के साथ रेलवे बोर्ड ने तत्कालीन और छोटे समय के लिए कई समाधान पर विचार किया है.”
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अगस्त अंत तक के आंकड़े दिखाते हैं कि रेलवे पहले ही अपने खर्चों से अधिक खर्च कर चुका है. इस वित्त वर्ष में रेलवे की कमाई 3.4 फीसदी तक बढ़ी है लेकिन खर्चे 9 फीसदी तक बढ़े हैं.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा, “जुलाई तक कमाई और खर्च के आंकड़े सही थे. लेकिन अगस्त में बारिश की वजह से कोयला की ढुलाई प्रभावित हुई जिससे कमाई पर भी प्रभाव पड़ा. फिलहाल हम स्थिति का आकलन कर इससे निपटने पर विचार कर रहे हैं.”
बोर्ड ने स्थिति से निपटने के लिए ये सुझाव दिए हैं- प्रायोजकों और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के जरिए ट्रेन और स्टेशन साफ करावाएं, क्षमता से 50 फीसदी तक कम पर संचालित हो रही ट्रेनों की समीक्षा की जाएं और इनके चलने की संख्या कम और विलय किया जाए, रेलवे की जमीन का मुद्रीकरण कर स्टाफ क्वाटर की मरम्मत हो, ईंधन बचाने के लिए 30 साल से अधिक पुराने डीजल ईंजन को बंद कर दें, अच्छी आदतों को बढ़ावा देकर ईंधन पर खर्च में कौटती, रखरखाव की आदतों को बढ़ावा दें, बेहतर कमाई के लिए संचालन पर एक बार फिर काम करें .
अब तक बजट से अतिरिक्त पांच हजार करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं. ऐसे में फिलहाल इतनी ही बचत करने का लक्ष्य है.
पत्र के मुताबिक, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऑपरेटिंग रेश्यो लक्ष्य 90 फीसदी तय किया था जबकि 2019-20 के लिए अंतरिम बजट में ऑपरेटिंग रेश्यो लक्ष्य 95 फीसदी तय किया था. मौजूद तौर पर ऑपरेटिंग रेश्यो लक्ष्य 100 फीसदी रहने का अनुमान है.
खर्चों की बात करें तो रेलवे ने इस वित्त वर्ष में सामान्य कार्य व्यय के लिए 1,55,000 करोड़ का बजट रखा था. जो बीते साल से 10 फीसदी अधिक है. हालांकि अगस्त अंत तक रेलवे ने 68,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो अनुमानित से 1,800 करोड़ रुपये ज्यादा है.
रेलवे ने इससे पहले जानकारी दी थी कि उसने व्यस्त मौसम में माल ढुलाई पर लगने वाले 15 प्रतिशत के अधिभार को टाल दिया है. यह अधिभार एक अक्टूबर से 30 जून के बीच लगाया जाता है.