अर्थव्यवस्था में 17 फीसदी बढ़ा नकदी लेनदेन: आरबीआई
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नोटबंदी के कई उद्देश्यों में से एक उद्देश्य भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना भी बताया गया था लेकिन इसके बावजूद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्तीय वर्ष 2009 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2019 तक नकदी लेनदेन में 17 फीसदी का इजाफा होकर 21.10 लाख करोड़ तक पहुंच गया है.
गुरुवार को जारी आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक नकदी लेनदेन में 500 रुपये के नोटों की संख्या बढ़कर 51 फीसदी हो गई है.
8 नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद 86 फीसदी मुद्रा को सरकार द्वारा अवैध करार दिया गया था. नोटबंदी के प्रमुख उद्देश्यों में नकदी के प्रचलन की जगह डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना भी शामिल था.
हालांकि इस फैसले के बाद अवैध करार दी गई मुद्रा का 99.8 फीसदी हिस्सा रिजर्व बैंक के पास वापस आया था. लगभग सौ फीसदी नकदी के वापस आ आने के बाद सरकार के कदम पर कई सवाल खड़े हुए थे क्योंकि सरकार ने नोटबंदी का एक मकसद काला धन को समाप्त करना बताया था और यह माना गया था कि बाजार में काला धन बड़ी मात्रा में मौजूद है.
वार्षिक रिपोर्ट में सामने आया है कि खुदरा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन 59 फीसदी की वृद्धि के साथ 2330 करोड़ रहा.
जून 2018 तक 500 रुपये के नोटों की संख्या 42 फीसदी थी. हालांकि जून 2018 से लेकर मार्च 2019 तक 2000 के नोटों के संख्या घटकर 6.58 लाख करोड़ रुपये रह गई.
आरबीआई ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2019 में नकली मुद्रा घटकर 3.17 लाख हो गई है, जो वित्त वर्ष 2018 में 5.22 लाख थी. यह 2017 में 7.62 लाख थी.