मॉनसून पूर्व बारिश में 65 साल में दूसरी बार रिकॉर्ड गिरावट
मौसम का पूर्वानुमान जताने वाली निजी संस्था स्काइमेट वेदर ने कहा है कि देश में मॉनसून से पूर्व होने वाली बारिश में 65 सालों में दूसरी बार रिकार्ड कमी आई है.
तीन महीने की अवधि का मॉनसून से पहले का सीजन- मार्च, अप्रैल और मई 25 प्रतिशत कम वर्षा के साथ समाप्त हुआ.
स्काइमेट ने कहा कि सभी चार मौसमी मंडलों- उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत, पूर्व-पूर्वोत्तर भारत एवं दक्षिणी प्रायद्वीप में क्रमश: 30 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और 47 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई.
मॉनसून से पहले होने वाली बारिश देश के कई हिस्सों के लिए बहुत जरूरी होती है. ओडिशा जैसे राज्यों में खेतों की जोताई इसी दौरान की जाती है और पश्चिमोत्तर भारत एवं पश्चिमी घाटों में यह फसलों की रोपाई के लिए जरूरी होती है.
हिमालय के वन क्षेत्रों में मॉनसून से पहले होने वाली बारिश सेब लगाने के लिए जरूरी होती है. नमी के कारण यह बारिश जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं को भी कम करने में मदद करती है.