घाटी में जारी प्रतिबंध चिंता की बात: अमेरिकी सांसद
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अमेरिका के डेमोक्रेटिक सांसद मार्क वार्नर ने जम्मू कश्मीर से अनुछेद 370 हटने के बाद से जारी प्रतिबन्ध पर गहरी चिंता जताई है. मार्क वार्नर ने भारतीय सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए और प्रेस, सूचना व राजनीति में लोगों की भागीदारी बढ़नी चाहिए.
पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त कर दिया गया था और क्षेत्र को दो संघ शासित प्रदेश-जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. सरकार की इस कार्रवाई के बाद प्रदेश में कई जगह प्रतिबंध जारी है. हालांकि, सरकार का कहना है कि अधिकांश इलाकों में ज्यादातर पाबंदियां हटा दी गई हैं.
वार्नर ने एक ट्वीट कर अपनी चिंता व्यक्त की,”मैं इस बात को समझता हूं कि भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताएं जायज हैं. लेकिन मैं जम्मू-कश्मीर में संचार एवं लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंधों से व्यथित हूं.”
उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि भारत प्रेस, सूचना एवं राजनीतिक भागीदारी की स्वतंत्रता देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करेगा.”
भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पांच अगस्त को निरस्त करने के दौरान कई पाबंदियां लगा दी थी.
मार्क वार्नर सीनेट डेमोक्रेटिक कॉकस और सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं. उनका यह बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि सीनेट के अंदर और बाहर वे अकेले नेता हैं जिन्हें भारत का सच्चा प्रशंसक माना जाता है.
वहीं दूसरी ओर भारत अपनी इस बात पर कायम है कि कश्मीर उसका आंतरिक मुद्दा है. इस पर किसी देश की दखलंदाजी मंजूर नहीं है. प्रतिबन्ध इसलिए लगाए गए हैं कि पकिस्तान अपनी हरकतों से कश्मीर के लोगों को परेशान न करे और आतंकी भारतीय सीमा में न घुस पाएं.