RWPI ने लाया मजदूर हितैषी घोषणा पत्र
भारत की क्रांतिकारी मजदूर पार्टी (RWPI) ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है. आने वाले लोकसभा चुनावों में यह पार्टी कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इन सात सीटों में दो-दो सीटें दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र और एक उत्तर प्रदेश की है.
पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में मजदूरों के हितों का विशेष ध्यान रखा है. अपने घोषणा पत्र में पार्टी, मांग करती है कि ठेका प्रथा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए.
इसके साथ पार्टी ने ‘भगत सिंह राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून’ पारित कराने पर बल दिया है. इस कानून के तहत सबको साल भर पक्का रोजगार या फिर दस हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देना सरकार की जिम्मेदारी होगी. वहीं पार्टी ने न्यूनतम मजदूरी को कम से कम बीस हजार रुपये करने की मांग की है.
जैसा कि पार्टी का घोषणा पत्र मजदूर केंद्रित है, इसी आधार पर पार्टी ने काम के घंटों को छह करने की मांग की है. इसके साथ ही पार्टी ने मांग की है कि लोन ना चुकाने वाली कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया जाए. पार्टी ने सभी बैंको का राष्ट्रीयकरण करने और एक केंद्रीय बैंक की स्थापना करने की मांग की है.
पार्टी ने सभी अप्रत्यक्ष करों को समाप्त करने और संपत्ति पर प्रगतिशील कर व्यवस्था लागू करने की बात कही है. इसके साथ ही जमीन के राष्ट्रीयकरण और सभी निजी फार्मों को सहकारी फार्म बनाकर खेतिहर मजदूरों और गरीब किसानों को सौंपने की बात भी कही है.
वहीं पार्टी ने मोदी सरकार पर लगे तमाम घोटालों के आरोपों की तत्काल और उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है. इसके साथ ही पार्टी कहती है कि प्राथमिक से लेकर उच्चतर स्तर की शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त हो.
स्वास्थ्य को लेकर भी पार्टी ने यही बात की है. पार्टी कहती है कि सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की हो. इसके साथ ही पार्टी मांग करती है कि पूंजीपतियों पर विशेष कर लगाकर मजदूरों के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बीमे की सुविधा लागू की जाए.
पार्टी ने आंगनवाड़ी और आशा कर्मचारियों की भी बात की हैं. पार्टी कहती है कि आंगनवाड़ी और आशा कर्मियों की सभी स्कीमों को तत्काल रूप से स्थाई किया जाए. इसके साथ पार्टी ने सभी मजदूरों के सरकारी आवास देने की बात की है. इसके लिए पार्टी ने निजी बिल्डरों और अन्य पूंजीपतियों के खाली पड़े आवासों को जब्त करने की वकालत की है.