सबरीमला पर बुलाई बैठक छोड़ चले गए विपक्षी नेता
सबरीमाला मंदिर मामले पर केरल के मुख्यमंत्री पी.विजयन ने बैठक बुलाई थी, जिसे कांग्रेस और बीजेपी के नेता बीच में ही छोड़ कर चले गए.
बैठक का प्रमुख उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान कर मंदिर में महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करना था. इस महीने की 17 तारीख को ‘मंडल मकराविलाकु’ पूजा के लिए मंदिर के दरवाजे पूरे ढाई महीने के लिए खोले जाएंगे.
सीएम विजयन ने बैठक में कहा कि इस दौरान मंदिर के आसपास कड़ी सुरक्षा की जाएगी ताकि महिलाएं सुरक्षित रूप से प्रवेश कर पाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की मंजूरी देने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका मंजूर कर ली है. कोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, इसलिए महिलाएं आने वाले 17 नवंबर को मंदिर में प्रवेश कर पाएंगी.
राजनीतिक पार्टियों की यह बैठक फैसले के दो दिन बाद बुलाई गई. हालांकि सीएम के सुझाव से बीजेपी और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ खफा दिखी. यही कारण है कि यह पार्टियां बैठक के बीच से ही उठ कर चली गईं.
कांग्रेस और बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुनर्विचार याचिका को मंजूर किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. कोर्ट 22 जनवरी को कुल 48 पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
कांग्रेस कार्यकर्ता रमेश चेन्निथला ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि, “सरकार किसी दूसरी पार्टी के सुझावों को ले ही नहीं रही थी” इसलिए उन्होंने बैठक बीच में ही छोड़ दी.
सीएम विजयन ने मीडिया को बताया कि विपक्षी पार्टी के नेता बैठक खत्म होने के बाद वहां से गए.
उन्होंने कहा, “आप बैठक बीच में कैसे छोड़ सकते हैं, जबकि आप बैठक खत्म होने के बाद वहां से गए.”
उन्होंने सरकार का पक्ष साफ करते हुए बताया कि, “सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. हम नहीं चाहते कि फैसले में किसी तरह के बदलाव हों, न ही हम चाहते हैं कि सबरीमाला में किसी तरह की हिंसा हो.”
28 सितंबर 2018 को कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब तक दो बार मंदिर के दरवाजे दर्शन के लिए खोले गए हैं. लेकिन हिंदू संगठनों के कड़े विरोध और हिंसा की कई घटनाओं के कारण अब तक कोई भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है.