सबरीमला: महिला कार्यकर्ताओं को प्रवेश के दौरान सुरक्षा देने का निर्देश देने से SC का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने महिला कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराते हुए सबरीमला मंदिर में प्रवेश करने का केरल सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया.
न्यायालय ने दो महिला कार्यकर्ताओं की याचिका पर कोई आदेश देने से मना कर दिया है.
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि यह मुद्दा ”काफी भावोत्तेजक” है और वह नहीं चाहता कि स्थिति ”विस्फोटक” हो जाए.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ”सुविधा में संतुलन” बनाने की आवश्यकता है. मामले पर आज कोई आदेश पारित नहीं किया जाता है क्योंकि इस मामले को पहले ही सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया गया है.
कोर्ट ने कहा कि वह मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई के लिए वृहद पीठ गठित करेगा।
पीठ में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले 28 सितंबर 2018 के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई है लेकिन ”यह भी सच है कि यह अंतिम फैसला नहीं है.”