सारदा चिटफंड मामला: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राजीव कुमार की याचिका
उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रुपये के सारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तारी से राहत बढ़ाने की मांग करने वाली कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की याचिका को खारिज कर दिया.
न्यायालय ने कुमार को एक सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से राहत प्रदान की थी जिसकी समयावधि 24 मई को समाप्त हो गई.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ ने कुमार के वकील सुनील फर्नांडिस से कहा कि कुमार राहत पाने के लिए निचली अदालत अथवा कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं.
जब फर्नांडिस ने कहा कि कोलकाता में वकीलों की हड़ताल के कारण अदालतें काम नहीं कर रही हैं तो सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आप गलत हैं, अदालतें वहां काम कर रही हैं. सभी न्यायाधीश अदालतों में हैं और वे वाद सुन रहे हैं. आपके मुवक्किल पूर्व पुलिस आयुक्त हैं और वह कई युवा अधिवक्ताओं से कानून को बेहतर जानते हैं. वह स्वयं वहां अदालतों में जा सकते हैं.
पीठ ने यह भी कहा कि कुमार की नई याचिका उसके समक्ष गलत तरह से सूचीबद्ध हो गयी है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश इस मामले में पहले ही आदेश जारी कर चुके हैं.
फर्नांडिस ने अदालत से कहा कि वे प्रधान न्यायाधीश के पास जा सकते हैं लेकिन समस्या यह है कि कुमार को गिरफ्तारी से दिए गए संरक्षण की अवधि आज समाप्त हो रही है.
इस पर पीठ ने कहा,‘‘ क्या किया जा सकता है? क्या हमारे पास इसे सुनने का क्षेत्राधिकार है? आपकी समस्या कुछ हो सकती है लेकिन आपकी याचिका अनुच्छेद 32 के तहत विचार योग्य नहीं है.
इससे पहले 17 मई को तीन न्यायधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कुमार को अपने पांच फरवरी के आदेश के जरिए गिरफ्तारी से दिया संरक्षण वापस ले लिया था. हालांकि, अदालत ने उन्हें राहत प्रदान करते हुये समुचित अदालत के पास जाने के लिए एक सप्ताह का और संरक्षण प्रदान कर दिया था.
कुमार ने 20 मई को एक बार फिर उच्चतम न्यायालय का रुख करके कहा कि इस सात दिन की अवधि को इसलिए और बढ़ाया जाए क्योंकि कोलकाता में वकीलों की हड़ताल चल रही है.