राज्य स्तर पर विपक्षी गठबंधन व्यवहारिक: सीताराम येचुरी


Sitaram Yechuri says alliance is practical at state level

 

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को अपनी प्राथमिकता तय करनी होगी. अंग्रेजी अखबार डेक्कन हेराल्ड को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी को हराना है तो सभी दलों को एकजुट होना होगा.

कांग्रेस ने दिल्ली और हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है. हालांकि पार्टी अब भी गठबंधन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श कर रही है.

येचुरी ने कहा कि चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन करने का मौका नहीं है, लेकिन राज्य स्तर पर गठजोड़ किया जा सकता है. ऐसे गठबंधन अतीत में भी हुए हैं.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस को हमारा यही संदेश है कि वे अपनी प्राथमिकता तय करें. हमने तय किया है कि हमारी तीन प्राथमिकताएं हैं. पहला, भारत के विचार की रक्षा के लिए बीजेपी को हराना है. दूसरा, वामपंथी पार्टियों को मजबूत करना है और तीसरा, विकल्प के तौर पर केंद्र में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन सुनिश्चित करना. हम इन्हीं उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ रहे हैं.”

कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सीपीएम और वाम मोर्चा के साथ गठबंधन के प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज नहीं किया है. बल्कि माना जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस और वामदलों के बीच गठबंधन अंतिम चरण में पहुंच गया है.

पश्चिम बंगाल में 6 लोकसभा सीटें हैं. राज्य में सीपीएम के दो सांसद हैं और कांग्रेस के सांसदों की संख्या चार है.  येचुरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं हो सकता है, क्योंकि किसी एक राज्य की पार्टी दूसरे राज्य में अप्रासंगिक हो जाती है.

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि आपातकाल के बाद जब इंदिरा गांधी हारी थीं, तब जनता पार्टी की सरकार बनी थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस चुनाव को राष्ट्रपति चुनाव जैसा बनाना चाहती है. बीजेपी ने यही परिप्रेक्ष्य साल 2003- 2004 में भी गढ़ा था. तब बीजेपी पूछती थी, “वाजपेयी का विकल्प कौन है?” चुनाव में इस तरह का माहौल बीजेपी बनाती आई है. लेकिन, वह पहले भी हारी थी और अब भी हारेगी.

चुनावी मुद्दों पर उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हमारे संघर्ष से जनता के सामने लाए गए मुद्दों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है. इस समय कृषि संकट और बेरोजगारी मुख्य मुद्दे हैं.

आगामी लोकसभा चुनाव में सीपीएम की संभावनाओं पर पूछे जाने पर सीताराम येचुरी ने कहा कि हम लोगों से हमें वोट करने को कहेंगे क्योंकि हम केंद्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन चाहते हैं.

वामपंथ जितना मजबूत होगा, सरकार पर दबाव भी उतना ही मजबूत होगा और वह जनहित में नीतियां बनाने को मजबूर होगी. यही बात हमने यूपीए-1 के कार्यकाल में देखी थी.

उन्होंने कहा, “संसद में वामपंथ की ताकत और मौजूदगी जरूरी है, ताकि देश में बनती-बिगड़ती परिस्थितियों का फायदा उठाया जा सके. इससे लोगों की जिंदगी और रहन-सहन के स्तर में सुधार होगा. इसलिए हम यह उम्मीद करते हैं कि लोग सही प्रतिक्रिया देंगे.”


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