रिलायंस-बीपी पेट्रोल पंपों से सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी प्रभावित होगी
रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की बीपी की योजना जियो-बीपी ब्रांड नाम से पेट्रोल पंप स्थापित करने की है. मॉर्गन स्टेनली की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि जियो-बीपी ब्रांड से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होगी.
रिलायंस और बीपी ने पिछले सप्ताह अपनी खुदरा ईंधन भागीदारी के ब्योरे की घोषणा की थी. इसके तहत ब्रिटेन की कंपनी ने एक अरब डॉलर में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है.
इस गठजोड़ के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के मौजूदा 1,400 पेट्रोल पंपों की संख्या को पांच साल में बढ़ाकर 5,500 की जाएगी. इसके अलावा विमान ईंधन स्टेशनों की संख्या को 30 से बढ़ाकर 45 किया जाएगा.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि घरेलू ईंधन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से ईंधन के दाम सरकार के हस्तक्षेप से अलग हो सकेंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि रिलायंस-बीपी गठजोड़ लक्ष्य के अनुरूप पेट्रोल पंप खोल लेता है तो वर्ष 2025 तक उसकी पंप स्टेशनों में बाजार हिस्सेदारी करीब आठ फीसदी पर पहुंच जाएगी.
इससे पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) की विमानन और वाहन ईंधन दोनों में बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होगी.