सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दिया है.
प्रशांत कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की बेंच ने ये फैसला सुनाया.
सुनवाई के दौरान बेंच ने पाया कि प्रशांत की गिरफ्तारी पूरी तरह से गैरकानूनी थी. जवाब में यूपी सरकार ने इसे जरूरी बताया. सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि गिरफ्तारी का मकसद ये संदेश देना था कि उत्तेजक ट्वीट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि जिस ट्वीट के चलते प्रशांत की गिरफ्तारी हुई है, वो किसी भी तरह से गैरकानूनी नहीं है.
हालांकि कोर्ट ने कहा कि वो इस तरह के किसी ट्वीट को प्रोत्साहित नहीं करना चाहता, लेकिन इसके चलते किसी को जेल में नहीं रखा जा सकता.
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रशांत कनौजिया को उस ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक महिला को मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से बातचीत कर रही थी. वह महिला दावा कर रही थी कि उसने मुख्यमंत्री को विवाह प्रस्ताव भेजा है.