विश्व कप: फील्डिंग के पैमाने पर भारतीय टीम अव्वल तो पाकिस्तान फिसड्डी
क्रिकेट में एक बड़ी चर्चित कहावत है, ‘कैचेज विन मैचेज’ मतलब कैच ही मैच जिताते हैं. एक महत्वपूर्ण कैच पकड़ने या छोड़ने से पूरे मैच का परिणाम ही बदल सकता है.
फिलहाल विश्व कप में सभी 10 टीमें अपनी जोर-आजमाइश में लगी हुई हैं. कुछ टीमें फील्डिंग के स्तर पर अब तक बहुत अच्छी रही हैं, तो कुछ का प्रदर्शन लचर रहा है.
अगर आप भारतीय टीम के प्रशंसक हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. भारतीय टीम फील्डिंग के पैमाने पर अब तक अव्वल रही है. इस विश्व कप में अब तक भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 14 कैच पकड़े हैं. इस दौरान उनके हाथों से सिर्फ एक कैच फिसला है.
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान इस विश्व कप की सबसे खराब फील्डिंग साइड साबित हुई है. उन्होंने अब तक कुल 14 कैच टपकाए हैं. इस तरह से उन्होंने संभावित कैचों के 35 फीसदी मौके गंवा दिए हैं.
पाकिस्तान के बाद फील्डिंग में जो दूसरी सबसे बुरी टीम साबित हुई है उसका नाम थोड़ा चौंकाने वाला है. ये विश्व कप जीतने के लिए सबसे प्रबल दावेदार मानी जाने वाली मेजबान इंग्लैंड की टीम है. इसने अब तक कुल 12 कैच छोड़े हैं.
उधर अब तक अंक तालिका में सबसे ऊपर चल रही न्यूजीलैंड भी इस स्तर पर कुछ बेहतर नहीं कर सकी है. उसके खिलाड़ियों ने कुल नौ कैच टपकाए हैं.
भारतीय टीम पारंपरिक तौर पर बेहतर फील्डिंग साइड नहीं मानी जाती रही है. लेकिन बीते कुछ समय में उसने बहुत सुधार किया है.
इस बारे में भारतीय टीम के फील्डिंग कोच आर श्रीधर कहते हैं, “हमारे पास प्वॉइंट सिस्टम है, जिसमें हम कैचों को ग्रेड देते हैं. इसमें ग्रेड वन कैच ऐसे कैच होते हैं जो सीधे आपके पास आते हैं, इसमें आपको एक अंक दिया जाता है. ग्रेड दो ऐसे कैच होते हैं जिसमें फील्डर को चलना पड़ता है. ये दबाव वाले कैच होते हैं, और इसमें आपको दो अंक दिए जाते हैं. ग्रेड तीन ऐसे कैच होते हैं, जिनमें आपके पास आधा मौका होता है, अगर आप ये कैच नहीं पकड़ते हैं तो आपसे शिकायत नहीं की जाती है, लेकिन अगर ये पकड़े जाते हैं तो इससे मैच का परिणाम बदल जाता है. इससे आपको चार अंक दिए जाते हैं.”
श्रीधर इस सिस्टम के बारे में बात करते हुए कहते हैं, “अगर आप सीधे आने वाला कैच छोड़ते हैं तो आपको दो अंक गंवाने पड़ते हैं. और अगर आप मूविंग कैच छोड़ते हैं तो एक अंक गंवाते हैं, ग्रेड तीन कैच छोड़ने पर आपसे कोई अंक नहीं लिया जाता.”
भारत ने फील्डिंग की गुणवत्ता में सुधार के लिए पांच पैरामीटर विकसित किए हैं. इनमें पहला है- इंटरसेप्शन (साफ, फंबल, मिसफील्ड), थ्रो (गुड, डायरेक्ट हिट, ऑफ टारगेट), कैचेज (ग्रेड वन, टू, थ्री), रन-आउट (डारेक्ट हिट, असिस्ट) रन (सेव्ड, गीवेन). इन पैरामीटर से जो डेटा इकट्ठा किया जाता है उससे किसी खिलाड़ी की कुल क्षमता की गणना होती है.
भारतीय टीम के इन प्रयासों का परिणाम नजर भी आ रहा है. अब तक टीम की ओर से एकमात्र कैच केएल राहुल ने छोड़ा है. जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ यजुवेंद्र चहल की गेंद पर टपकाया था.