महुआ मोइत्रा ने मीडिया संस्थानों को दिए गए सरकारी विज्ञापनों का ब्योरा मांगा


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तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में सरकार द्वारा बीते पांच वर्षों में प्रत्येक मीडिया हाउस को दिए विज्ञापनों का ब्योरा देने की मांग उठाई है. महुआ ने लोकसभा शून्यकाल के दौरान ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि करदाताओं को पता होना चाहिए की उनका पैसा कहां खर्च हो रहा है.

इससे पहले कांग्रेस के सदन के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी लोकसभा मौजूदा सरकार पर मीडिया को दबाने के आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि सरकार से सवाल पूछने वाले सभी मीडिया समूहों को सरकार विज्ञापन नहीं देकर उन पर दबाव  बनाने की कोशिश करती है.

रंजन द्वारा उठाए गए मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए महुआ ने शून्यकाल के दौरान अपनी बात सदन में रखी. महुआ ने कहा,”हम जानना चाहते हैं कि सरकार प्रत्येक मीडिया समूहों को कितने फीसदी विज्ञापन देती है और साथ ही ये भी कि कौन-कौन से प्रिंट मीडिया समूहों को विज्ञापन नहीं दिए जाते हैं. ये जानना बेहद जरूरी है.”

हालांकि महुआ के सवाल पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया. इसके वजह यह रही कि शून्यकाल के दौरान पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देना सरकार के लिए अनिवार्य नहीं होता है.

महुआ ने जोर दिया कि 5,246 करोड़ रुपये का आंकड़ा विज्ञापनों पर केवल केंद्र सरकार के खर्च को दिखाता है.

टीएमसी नेता ने कहा,”इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा किया गया खर्च शामिल नहीं है, जो मेरा मानना है कि काफी बड़ा हिस्सा रखता है. सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खर्च किया गया पैसा करदाता का पैसा है. ऐसे में हमें पता होना चाहिए कि सरकार विज्ञापनों पर कुल कितना खर्च करती है.”

उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा,”देश के पांच प्रमुख मीडिया संस्थान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से केवल एक व्यक्ति द्वारा संचालित हैं. वो भारत का सबसे अमीर व्यक्ति है. वो सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के बोर्ड में शामिल है. न्यूज नेशन, इंडिया टीवी, न्यूज 24, नेटवर्क 18 एनडीटीवी सभी….”

इस दौरान सदन में शोर के चलते महुआ अपनी बात पूरी नहीं कर पाईं और स्पीकर ने दूसरे सदस्य को बोलने के लिए निमंत्रण दिया.


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