वालमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स नियमों को अमेरिकी व्यापारिक हितों के खिलाफ बताया


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अमेरिकी रिटेल चेन कंपनी वालमार्ट ने अपनी सरकार के सामने भारतीय व्यापारिक नियमों की शिकायत की है. कंपनी की शिकायत खासकर ई-कॉमर्स नियमों को लेकर है. वालमार्ट ने इन नियमों से अमेरिकी व्यापार को खतरा बताया है.

इससे पहले कंपनी भारत में अपनी सुविधा के मुताबिक नियम बनवाने के लिए जमकर लॉबिंग कर चुकी है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक वालमार्ट के शीर्ष निदेशक साराह थ्रोन ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय से की गई शिकायत में इन नियमों को प्रतिगामी बताया है.

उन्होंने कहा, “ये एकदम चकित कर देने वाले हैं…ये बड़ा परिवर्तन है, और नीतिगत रूप में प्रतिगामी कदम है.” इससे पहले वालमार्ट, भारतीय कंपनी फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है. ये वैश्विक रूप से सबसे बड़ा अधिग्रहण था.

जनवरी में लिखे गए इस शिकायती पत्र में कंपनी ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा था कि वह नए नियमों को लागू होने में छह महीने का समय चाहती थी. लेकिन उसे इसके लिए कोई समय नहीं दिया गया.

रॉयटर के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात को भारत के समक्ष उठाया था, लेकिन भारत की ओर से कोई पुख्ता आश्वासन नहीं दिया गया.

वालमार्ट की सबसे बड़ी शिकायत भारतीय ई-कॉमर्स नियमों से है. कंपनी के मुताबिक नियामक जटिलताओं के चलते वह अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और ऑनलाइन बिक्री को बढ़ा नहीं पा रही है.

हालांकि इन मुद्दों का वालमार्ट के निवेशकों पर कोई खास असर नहीं हुआ है. इसका उदाहरण इसका मार्केट शेयर है. इस वित्त वर्ष इसके शेयरों में 21 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है.

भारत में ऑनलाइन बिक्री के लिए लागू नए नियमों के मुताबिक कंपनियां अपने उत्पाद को उस फर्म की सहायता से नहीं बेच सकती जिनकी पूंजी में उनकी हिस्सेदारी है. इसके अलावा ये कंपनियां विक्रेताओं के साथ ऐसी कोई डील नहीं कर सकतीं जिसमें सिर्फ उनके प्लेटफार्म पर ही कोई उत्पाद बेचा जाए.

खबरों के मुताबिक इन नियमों का खामियाजा अमेजन जैसी कंपनी को भी भुगतना पड़ा है. फरवरी में लागू इन नियमों के बाद से अमेजन ने भारतीय शाखा से कई ऐसे उत्पाद हटा लिए हैं, जो इन नियमों के मुताबिक नहीं थे.

रॉयटर के मुताबिक आम चुनाव से ठीक पहले उठाए गए इन कदमों का मकसद छोटे देशी व्यापारियों को खुश करना था. बड़ी व्यापारिक कंपनियां अपने उत्पादों में खासी छूट देती हैं, जिससे छोटे व्यापारी इनका मुकाबला नहीं कर पाते हैं.

वालमार्ट ने इन नियमों को भारतीय कंपनियों और स्थानीय व्यापारियों को खुश करने और तसल्ली देने के लिए उठाया गया कदम बताया था.

हालांकि वालमार्ट ने अमेरिकी अधिकारियों को की गई शिकायत में किसी का नाम नहीं लिया. लेकिन इसका इशारा भारतीय कंपनी रिलायंस की ओर था. वालमार्ट के मुताबिक नए नियम भारतीय कंपनियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एकतरफा बनाए गए हैं.

रिलायंस नई नीति की घोषणा के बाद से ही ई-कॉमर्स क्षेत्र में उतरने की बात को बार-बार दोहराती रही है.

उधर भारत ने अपनी नई नीति का मकसद छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा बताया है. लेकिन भारत की ओर से कहा गया है कि वो इससे संबंधित किसी भी मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार है.


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