क्रिकेट विश्व कप 2019 के बारे में जानें कुछ जरूरी सवालों के जवाब
कब ले सकते हैं विश्व कप के मैचों का मजा?
ज्यादातर मैचों की शुरुआत 3.30 बजे दोपहर से है. इनमें सेमी फाइनल और फाइनल के मैच भी शामिल हैं. ज्यादातर दिनों में केवल एक मैच होना है. सेमी फाइनल का मैच नौ और 10 जुलाई को खेला जाएगा. विश्व कप का फाइनल मैच 14 जुलाई को है.
विश्व कप का फॉर्मेट क्या है?
यह विश्व कप राउंड रॉबिन फार्मेट में हो रहा है. इसमें खेलने वाली सभी दस टीमों को एक बार एक-दूसरे से खेलने का मौका मिलेगा. लीग फेज में प्रत्येक टीम नौ बार खेलेगी. इस फेज में कुल 45 मैच खेले जाएंगे. ग्रुप स्टेज में प्रत्येक जीत पर टीम को दो प्वाइंट मिलेंगे. लीग फेज में अधिकतम प्वाइंट पाने वाली टीम सेमीफाइनल में खेलेगी.
लीग फेज में बराबर प्वाइंट आने पर क्या होगा?
बराबर प्वाइंट आने पर ज्यादा मैच जीतने वाली टीम को खेलने का मौका मिलेगा. उदाहरण के लिए, पाकिस्तान ने चार मैच जीतकर और दो मैच में नो रिजल्ट के साथ 10 प्वाइंट हासिल किया है.
दूसरी तरफ भारत ने पांच मैच जीतकर 10 प्वाइंट हासिल किया है. ऐसी स्थिति में भारत को आगे खेलने का मौका मिलेगा.
अगर प्वाइंट और जीते गए मैचों की संख्या बराबर होती है तो ज्यादा नेट रन रेट वाली टीम को आगे खेलने का मौका मिलेगा.
बराबर पर मैच खत्म होने पर सुपर ओवर होगा या नहीं?
सेमी फाइनल और फाइनल मैच में ही सुपर ओवर का प्रावधान है. पिछले दो विश्व कप में केवल फाइनल में ही सुपर ओवर का इस्तेमाल हुआ है.
बारिश होने पर रिजर्व डे जैसा कुछ है क्या ?
सेमी फाइनल और फाइनल में रिजर्व डे दिया गया है. मैच की पहले से तय तारिख में पूरा नहीं होने की स्थिति में इसे रिजर्व डे में पूरा किया जाएगा, मैच की नई शुरुआत नहीं होगी. ग्रुप खेलों के लिए रिजर्व डे का प्रावधान नहीं है, खेल में कोई रुकावट होने पर अलग से समय दिया जाएगा. खेल को 75 मिनट पहले खत्म किया जा सकता है या फिर कुछ स्थितियों में रेफरी समय को बढ़ा सकते हैं. खेल को पूरा करने के लिए दोनों टीमों को कम-से-कम 20-20 ओवर पूरा करना जरूरी होगा. ऐसा नहीं होने पर एक दिवसीय खेल के नियमों के तहत मैच को नो रिजल्ट माना जाएगा.
रिजर्व डे में भी बारिश होने की स्थिति में लीग मैच में बढ़त बनाने वाली टीम को विजेता माना जाएगा.
अगर रिजर्व डे के दिन फाइनल मैच का फैसला नहीं हो पाता है तो फाइनल में पहुंची दोनों टीमों को संयुक्त रूप से विजेता माना जाएगा.
विश्व कप में केवल दस टीम ही हिस्सा क्यों ले रही हैं?
विश्व कप में शामिल होने वाली टीम की संख्या बढ़ती-घटती रही है. शुरुआत में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल(आईसीसी) ने ज्यादा-से-ज्यादा देशों को शामिल करने की कोशिश की. साल 1992 में केवल नौ देशों की टीम ही विश्व कप में शामिल हुई. 2007 में आयोजित विश्व कप में 16 देशों की टीम ने हिस्सा लिया. साल 2015 में आईसीसी ने खराब प्रदर्शन करने वाली टीमों को प्रतियोगिता में संघर्ष करने के योग्य नहीं पाया. कमजोर टीम के बीच के मैच को टेलीविजन रेटिंग भी काफी कम मिल पाता था. लोगों की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए आईसीसी ने टूर्नामेंट को छोटा करने का फैसला लिया. आईसीसी के इस फैसले से कई देशों के क्रिकेट फैन को निराशा हुई है.
30 सितंबर 2017 तक की रैंकिंग के मुताबिक टॉप आठ क्रिकेट टीम को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है. वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान क्वालिफाइंग टूर्नामेंट के माध्यम से शामिल हुए हैं.
विश्व कप के सबसे मजबूत दावेदार कौन हैं ?
इंग्लैंड की टीम आईसीसी की एक दिवसीय रैंकिंग में नंबर एक पर बनी हुई है. पिछले दो साल में इंग्लैंड की टीम को एक भी मैच में हार का सामना नहीं करना पड़ा है. विश्व कप में इंग्लैंड को अपनी जमीन पर खेलने का मौका मिलेगा. दूसरे नंबर पर भारत है. पांचवें नंबर की ऑस्ट्रेलिया की टीम पांच विश्व कप जीत चुकी है. उस पर अपनी जीत को बरकरार रखने का दबाव होगा. पिछले दिनों पाकिस्तान ने भी एक दिवसीय टूर्नामेंट को जीतकर अपनी शानदार वापसी की है. इसके साथ ही न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीम को भी कम आंकना भूल होगी.
सबसे कमजोर टीम कौन है?
अफगानिस्तान सबसे कमजोर टीम है. साल 1995 तक अफगानिस्तान टीम अस्तित्व में नहीं आई थी. वह दूसरी बार विश्व कप के लिए खेल रही है. अफगानिस्तान टीम के राशिद खान को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पीनर में एक माना जाता है.
ये होंगे दिलचस्प मुकाबले
ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड और भारत-पाकिस्तान ऐतिहासिक प्रतिद्वंदी रहे हैं. इसके साथ ही श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच मैच के रोमांचक होने की उम्मीद है.