विश्व कप: तीन फाइनल हारने वाली ये टीम इस बार है प्रबल दावेदार
इस बार इंग्लैंड को विश्व कप ट्रॉफी का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है कि क्रिकेट का ये महासमर इंग्लैड में हो रहा है, बल्कि इसलिए भी है कि इंग्लैंड एक बेहतरीन और संतुलित टीम है. वनडे रैंकिंग में वो इस समय विश्व नंबर एक है.
इससे पहले भी विश्व कप प्रतियोगिताओं में इंग्लैंड के सामने जीत के कई मौके आए हैं, लेकिन हर बार उसने ये मौके गंवा दिए हैं. ऐसा पहले तीन बार 1979, 1987 और 1992 में हो चुका है जब इंग्लैंड इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचा है. लेकिन वो जीत दर्ज करने में सफल नहीं हो सका.
1979 के विश्व कप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज की बैटिंग को बांध कर रखा था. लेकिन विवियन रिचर्ड्स ने कोलिंस के साथ मिलकर पूरी कहानी बदल कर रख दी थी.
इसके बाद 1987 में एक बार फिर इंग्लैंड फाइनल में था, लेकिन इस बार माइक गेटिंग ने एलन बार्डर की गेंद पर रिवर्स स्विप लगाने की कोशिश की जो इंग्लैंड के लिए आपदा साबित हुआ. इस बार इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया के हाथों ट्रॉफी हार गया.
1992 के विश्व कप में उसका सामना पाकिस्तान के साथ हुआ. ये वो समय था जब पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान थे. इस दौर में पाकिस्तान के पास वसीम अकरम जैसे स्विंग के महारथी मौजूद थे. इस मैच में उन्होंने अपनी गेंदों की तेजी और स्विंग से इंग्लिश बल्लेबाजों को दिन में तारे दिखा दिए.
लेकिन अब इंग्लैंड परंपरागत और बोरिंग क्रिकेट की शैली छोड़ चुका है. उसके पास जेसन रॉय और एलेक्स हेल्स जैसे धमाकेदार ओपनर हैं, हालांकि इस बार हेल्स टीम का हिस्सा नहीं बन पाए हैं. उनकी जगह लेने वाले जेम्स विंस भी उनसे कहीं कमतर नहीं हैं.
जानकारों के मुताबिक इस विश्व कप में पिच बल्लेबाजों के अनुकूल होंगी, ऐसे में इंग्लैंड का शानदार बैंटिंग लाइन-अप विरोधियों पर कहर ढाने के लिए तैयार है.
बल्लेबाजी के ऊपरी क्रम में जॉनी बैरस्टो और जो रूट धमाके करने के लिए तैयार हैं. बैरस्टो किसी भी गेंदबाजी क्रम को तहस-नहस करने का माद्दा रखते हैं. वहीं जो रूट अपनी बेहतरी टाइमिंग और प्लेसमेंट के लिए जाने जाते हैं.
कप्तान इयॉन मॉर्गन भी विश्व स्तरीय बल्लेबाज हैं और बेहतरीन स्ट्रोक प्लेयर हैं. इसके अलावा जोश बटलर विकेट के पीछे तो अच्छे हैं ही, एक विस्फोटक बल्लेबाज भी हैं, जो किसी भी गेंदबाज की धज्जियां उड़ा सकने में सक्षम हैं.
बटलर गेंद की लेंथ को बहुत जल्दी भांप लेते हैं. वे कदमों का इस्तेमाल करने में भी माहिर हैं. साथ ही उनके बल्ले की गति जबरदस्त है.
इसके अलावा बेन स्टोक्स इंग्लैंड के लिए बोनस की तरह हैं. वो एक अच्छे स्विंग गेंदबाज तो हैं ही, साथ ही अपनी बांए हाथ की बल्लेबाजी से वे गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजने में भी माहिर हैं. अंतिम ओवरों में वे इंग्लैंड के लिए मैच जिताऊ पारियां खेल सकते हैं.
इसके अलावा गेंदबाजी क्रम में उनके पास क्रिश वोक्स के रूप में एक अच्छा तेज गेंदबाज है, जो गेंद को स्विंग करने की क्षमता भी रखते हैं.
एक और खिलाड़ी है जिसपर इस बार सबकी नजर रहेगी. वो हैं जोफ्रा आर्चर. आर्चर अपनी गेंद की तेजी से सबको चौंकाने के लिए तैयार हैं. साथ ही वे अपने बल्ले के तेज प्रहार के लिए भी जाने-जाते हैं.
इसके अलावा इंग्लैंड के स्पिन खेमे में आदिल राशिद मौजूद हैं जिनके पास गेंदों की विविधता है. मोइन अली भी स्पिन गेंदबाजी करने में सक्षम हैं और कई मौकों पर उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित भी की है.
तो कुल मिलाकर इंग्लैंड की टीम काफी मजबूत नजर आ रही है. कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर वो इस बार अपने घर में ट्रॉफी जीतने में सफल हो जाए.