तकनीक खोते जा रहे हैं आज के क्रिकेट खिलाड़ी: जॉन बुकानन
Twitter
अधिकांश बल्लेबाज आज के समय में वनडे मैचों में तो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर अपना दबदबा बनाए रखे हुए हैं लेकिन बात जहां लाल गेंद या टेस्ट क्रिकेट की आती है वहां उन्हें संघर्ष करना पड़ता है.
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कोच जॉन बुकानन का मानना है कि क्रिकेट में बेहतरीन तकनीक वाले खिलाड़ियों की कमी हो रही है. मेरा क्रिकेट के बारे में व्यापक दृष्टिकोण है कि अच्छी तकनीक और अच्छे बल्लेबाजी कौशल के विकास में हेलमेट सुरक्षात्मक उपकरणों के साथ शुरुआत से समझौता किया जा रहा है.
बुकानन द टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा कि “समय के साथ हम अच्छी तकनीक वाले खिलाड़ियों की कमी को देख रहे हैं और वह खेल या स्थिति की आवश्यकताओं के लिए अपनी तकनीक को खेल के हिसाब से समायोजित करने में सक्षम हैं.”
बुकानन को ऐसा लगता है एशेज खेल रही ऑस्ट्रेलियाई टीम में स्टीव स्मिथ ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो मौजूदा सीरीज में बेहतरीन तकनीक के साथ खेल रहे उसके अलावा दोनों टीमों के खिलाड़ियों में तकनीक अपर्याप्त है.
बुकानन ने कहा, “मौजूदा एशेज टेस्ट श्रृंखला में स्पष्ट उदाहरण यह है कि जब गेंद हवा में या सीम सी होती है, स्टीव स्मिथ उन गेंदों को रक्षात्मक तरीके से रोक कर खेल लेते हैं वहीं बाकी बल्लेबाजों की तकनीक सही नहीं है.”
भारत की ओर से दो बार दोहरे शतक लगा चुके वसीम जाफर का भी यही मनना है कि “आज के दौर के बल्लेबाज अपने खेल में तकनीक को ज्यादा महत्त्व नहीं देते हैं, जैसे पहले दी जाती थी. वे ज्यादा से ज्यादा टी-20 क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं, जिसमें ज्यादा जोर पॉवर-हिटिंग पर रहता है.”
“हमारे समय में हमारा ध्यान पूरे दिन बल्लेबाजी करने और पारी को आगे बढ़ाने में रहता था. अब ह्वाइट बॉल क्रिकेट बहुत ज्यादा हो रहा है तो खिलाड़ियों का ज्यादा से ज्यादा ध्यान जल्द से जल्द रन बनाने पर होता है.”
वहीं भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दास गुप्ता का मानना है कि तकनीक की परिभाषा बदल गई है पहले के मुकाबले तकनीक बहुत लोकप्रिय हुई है. पिछले दो-तीन सालों में टेस्ट क्रिकेट बहुत लोकप्रिय हुआ है और ऐसा इसलिए है क्योंकि बल्लेबाजों की आक्रमण तकनीक और फुटवर्क में सुधार हुआ है.
“हां यह सही है क्रिकेट से रक्षात्मक तकनीक का अंत हो चुका है. वर्तमान पीढ़ी को डिलीवरी के साथ-साथ रन भी छोड़ने होंगे.”