रांची टेस्ट: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्लीन स्वीप करने उतरेगा भारत
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भारत पहले ही श्रृंखला जीत चुका है रांची में शुरू होने वाला तीसरा टेस्ट मैच औपचारिक लग रहा है लेकिन इसमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए महत्वपूर्ण अंक दांव पर लगे होंगे और इसलिए विराट कोहली की टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस अंतिम मैच में भी किसी तरह की कसर नहीं छोड़ेगी.
इस मैच में जीत दर्ज करने वाली टीम को 40 अंक मिलेंगे. भारत इन अंकों के अलावा श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप करने के उद्देश्य से भी मैदान पर उतरेगा.
भारत ने पहले दो टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका पर हर विभाग में अपना दबदबा बनाया है, उसने विशाखापत्तनम में 203 रन से जीत दर्ज की और फिर पुणे टेस्ट को पारी और 137 रन से जीतकर सीरीज पहले ही अपने नाम कर ली है.
विश्व चैंपियनशिप में भारत के अभी चार मैचों में 200 अंक हैं और उसने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड और श्रीलंका पर 140 अंकों की बड़ी बढ़त बना रखी है. कोहली पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अंतिम टेस्ट मैच में भी काफी कुछ दांव पर लगा है और उनकी टीम किसी भी तरह से ढिलाई नहीं बरतेगी.
अंतिम टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम में बल्लेबाजी या गेंदबाजी में कोई खास कमजोरी नजर नहीं आती है.
भारतीय शीर्ष क्रम ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है. रोहित शर्मा ने लंबे प्रारूप में सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभायी है. उन्होंने पहले टेस्ट मैच में पहली बार पारी का आगाज करते हुए दोनों पारियों में शतक लगाए.
मुंबई के इस बल्लेबाज के साथी मयंक अग्रवाल ने विशाखापत्तनम में दोहरा शतक लगाया तो पुणे में भी वह सैकड़ा जमाने में सफल रहे. पुणे में हालांकि कोहली ने 254 रन की जादुई पारी खेली जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है.
भारत ने अब तक श्रृंखला में केवल 16 विकेट गंवाए हैं जबकि उसने दक्षिण अफ्रीका को दोनों टेस्ट मैचों में बुरी तरह पस्त किया है. इससे भारत के दबदबे का अनुमान भी लगाया जा सकता है.
दक्षिण अफ्रीका ने पिछली बार जब भारत का दौरा किया था तो स्पिनरों ने उसका जीना मुहाल कर दिया था लेकिन इस बार तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों ने अहम भूमिका निभायी है.
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान डुप्लेसिस पहले ही कह चुके हैं कि रांची की पिच स्पिनरों के अनुकूल होगी और ऐसे में कुलदीप यादव के रूप में तीसरा स्पिनर भी भारतीय एकादश में जगह बना सकता है.
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने विशाखापत्तनम में कुछ दम दिखाया था लेकिन पुणे में वे नाकाम रहे थे. केवल पुछल्ले बल्लेबाजों ने ही भारतीय गेंदबाजों को कुछ परेशान किया. डुप्लेसिस ने ऐसे में डीन एल्गर, क्विंटन डीकॉक और तेम्बा बावुमा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों से जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी करने के लिए कहा है.
एडेन मार्कराम के चोटिल होने के कारण बाहर होने से दक्षिण अफ्रीका की परेशानियां बढ़ी है.
गेंदबाजी की बात करें तो कैगिसो रबाडा, वर्नोन फिलैंडर और एनरिच नॉर्टजे अब तक भारतीय तेज गेंदबाजों की तरह प्रभावी नहीं रहे हैं. उसके सीनियर स्पिनर केशव महाराज भी इस मैच में नहीं खेल पाएंगे और ऐसे में दक्षिण अफ्र्रीकी आक्रमण के लिये भारतीय बल्लेबाजों को रोकना मुश्किल होगा.