पीएम मोदी ने ‘बयान बहादुर’ को राम मंदिर पर चुप रहने की सलाह दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसी का नाम लिए बिना राम मंदिर को लेकर दिए जा रहे बयानों की आलोचना की है. बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों के नेता राम मंदिर निर्माण को लेकर बयान देते रहे हैं. इसके साथ ही बीजेपी समर्थक न्यूज मीडिया में लगातार इसपर बहस होती रही है.
नासिक में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मुझे आश्चर्य है कि ये बयान बहादुर कहां से आ रहे हैं? ये गतिरोध पैदा क्यों कर रहे हैं? हमें सुप्रीम कोर्ट पर, संविधान और भारत की न्याय व्यवस्था पर विश्वास करना चाहिए. मैं ऐसे लोगों से निवेदन करता हूं कि वे भगवान के लिए भारत की न्याय प्रणाली में विश्वास रखें.”
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 16 सितंबर को मांग की कि केंद्र अयोध्या में राम मंदिर बनाने पर कानून लाने के लिए ‘‘साहसी फैसला’’ लें.
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर उनके दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में वादे, कार्य प्रदर्शन और काम कर दिखाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘विकास, भारत के वैश्विक शक्ति होने के संदेश, लोगों के कल्याण और रोजगार के अवसरों के लिए कोशिशों को बढ़ावा दिया गया.’’
मोदी ने कहा, “पिछले दो-तीन सप्ताह से कुछ बयान बहादुर और बड़बोले लोग राम मंदिर के बारे में बेवकूफी की बातें कर रहे हैं. यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट का सम्मान किया जाए. सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करना जरूरी है, यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.”
पीटीआई में छपी खबर के मुताबिक सात सितंबर को बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जल्द ही हकीकत होगा क्योंकि यह भगवा पार्टी के मुख्य एजेंडे में से एक है.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के रद्द होने की तरह ही राम मंदिर का निर्माण भी जल्द ही एक हकीकत होगा.
राम शरद कोठारी प्रतिभा सम्मान 2019 के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता ने कहा, “विश्वास और धैर्य रखिये, राम मंदिर जल्द ही हकीकत होगा. इससे पूर्व हम जब भी किसी कार्यक्रम में जाते थे तो हमसे पूछा जाता था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 कब हटेगा. लोगों को लगता था कि यह कभी हकीकत नहीं होगा. लेकिन अब आप देख सकते हैं कि यह रद्द हो चुका है. इसलिये आश्वस्त रहिये कि बीजीपी के मुख्य एजेंडे में शामिल सभी विषय हकीकत में अंजाम तक पहुंचेंगे.”
बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में राम मंदिर निर्माण की तारीख की घोषणा करने को कहा.
17 सितंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया उसी तरह उसे चाहिए कि वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने का भी साहस दिखाए. उन्होंने कहा कि अब राम मंदिर के लिए इंतजार करने का कोई मतलब नहीं बनता है.
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के रहते अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता न निकले तो देश के लोगों को धक्का लगेगा.
योग गुरु रामदेव ने राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. दो दिसंबर, 2019 को अहमदाबाद में उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या में मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो लोगों का बीजेपी से भरोसा उठ जाएगा.
23 नवंबर 2018 को छपी खबर के मुताबिक, विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के बैरिया क्षेत्र से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह संविधान को ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराने की चेतावनी दे चुके हैं.
15 सितंबर को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में अपना जन्म दिन मनाया.
मोदी ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर के लोग क्षेत्र में विकास और नई नौकरियां चाहते हैं. उन्होंने क्षेत्र में अशांति के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया.
जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद 50 दिनों से कश्मीर में प्रतिबंध और कर्फ्यू जारी है. बीजेपी नेताओं को छोड़कर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित सभी नेताओं को नजरबंद रखा गया है. मोबाइल और इंटरनेट सेवा अब भी बाधित हैं जिसकी वजह से सही से रिपोर्टिंग में नहीं हो पा रही है. कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने संविधान के अनुच्छेद 370 में संशोधन को असंवैधानिक बताया है.
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बीजेपी सरकार के 100 दिनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक ढांचे को विकसित करने और नई नौकरियां पैदा करने के लिए प्रयास हुए हैं.
आंकड़ों के मुताबिक नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में आर्थिक सुस्ती आ गई है और बेरोजगारी की दर 45 साल के रिकॉर्ड को पार कर चुका है.
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